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कभी RBI ने पाकिस्तान के लिए छापे थे नोट, रुपये-पैसे का चलाया था काम, जानिए पूरा मामला

कभी RBI ने पाकिस्तान के लिए छापे थे नोट, रुपये-पैसे का चलाया था काम, जानिए पूरा मामला

अनोखी दास्तान : सुनकर आपको ताज्जुब होगा, लेकिन यह सच है. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद रिजर्व बैंक ने पड़ोसी देश की मदद की थी और उसके लिए नोट छापे थे. रुपये-पैसे की कड़की में रिजर्व बैंक ने पाकिस्तान की मदद की थी. यह बात इतिहास में दर्ज है. यह बात अगस्त 1947 से सितंबर 1948 के बीच की है. रिजर्व बैंक चूंकि भारत में आजादी से पहले से काम कर रहा था, इसलिए पाकिस्तान की उसने बगैर किसी परेशानी के मदद की.

ब्रिटिश इंडिया का बंटवारा अपने आप में बहुत पेचीदा मामला था और इससे अनिश्चितता के माहौल भी पैदा हो हुए थे. पाकिस्तान बनने के बाद सबसे पहला काम यही था कि वहां कोई वित्तीय बैंक शुरू किया जाए ताकि देश के लोगों का काम चल सके. quora.com पर पाकिस्तान के एक करंट अफेयर्स कमेंटेटर मोहम्मद आमिर खोखर लिखते हैं, चूंकि तत्काल पाकिस्तान के लिए किसी सेंट्रल बैंक की गुंजाइश नहीं बन पा रही थी, इसलिए यह फैसला हुआ कि भारत और पाकिस्तान के लिए रिजर्व बैंक ही स्टेट बैंक का काम करेगा.


इस बात को और विस्तार से समझना हो तो स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की वेबसाइट पर लिखी बातों से समझा जा सकता है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने RBI की सेवाओं को भलीभांति स्वीकार किया है और तहे-दिल से माना है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने लिखा है, 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया दोनों देशों के लिए सेंट्रल बैंक की तरह काम कर रहा था. बंटवारे के तुरंत बाद पाकिस्तान में कोई सेंट्रल बैंक स्थापित करना आसान काम नहीं था, इसलिए आपात काल में पाकिस्तान में करंसी के सर्कुलेशन का काम रिजर्व बैंक को दिया गया.

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान लिखता है, अविभाजित हिंदुस्तान के गवर्नर जनरल ने 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान (मॉनेटरी सिस्टम एंड रिजर्व बैंक) ऑर्डर, 1947 जारी किया. इस आदेश में कहा गया कि जब तक पाकिस्तान में कोई सेंट्रल बैंक नहीं बन जाता, तब तक आरबीआई ही करंसी से जुड़े काम संभालेगा. आदेश के मुताबिक 30 सितंबर 1948 तक रिजर्व बैंक को भारत और पाकिस्तान के लिए कॉमन अथॉरिटी बना दिया गया. इस तरह 30 सितंबर 1948 तक RBI ने पाकिस्तान के सभी तरह के वित्तीय जरूरतों को पूरा किया और रुपये-पैसे का बंदोबस्त किया.


इंटरनेट पर आरबीआई की बहुतेरी तस्वीरें मिल जाएंगी जिस पर एक तरफ रिजर्व बैंक तो दूसरी ओर गवर्मनेंट ऑफ पाकिस्तान या पाकिस्तान सरकार लिखा गया है. पहली नजर में नोटो की ऐसी तस्वीरें आपको चौंकाएंगी, लेकिन तथ्यात्मक रूप से यह सही है. इंटरनेट पर छानबीन करें तो यह भी पता चलेगा कि आरबीआई ने न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि खाड़ी के कई देशों जैसे यूएई, ओमान और बहरीन के लिए करंसी नोट छापे थे. यह सिलसिला 1967 तक चला और खाड़ी देश 1967 तक भारतीय रुपये का इस्तेमाल करते थे.

आरबीआई के इतिहास में भी यह बात दर्ज है कि उसने लगभग एक साल तक पाकिस्तान के लिए नोटों की छपाई की थी. तब लाहौर में रिजर्व बैंक का ऑफिस हुआ करता था जो बाद में बंद हो गया.


पाकिस्तान में सबसे पहले अक्टूबर 1948 में नोटों की छपाई शुरू हुई. ये सभी नोट 5, 10 और 100 रुपये की शक्ल में शुरू किए गए. नोटों की छपाई का जिम्मा लंदन की कंपनी एमएस. थॉमस डी ला रूये एंड कंपनी लंदन को दिया गया था. स्टेट ऑफ पाकिस्तान का पहला नोट 2 रुपये का था. साथ में पाकिस्तानी सरकार की ओर से 1 रुपये का नोट जारी किया गया. यह वाकया मार्च 1949 का है. आगे चलकर 1953 में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने नोट जारी करने का अधिकार अपने हाथों में ले लिया. तब 2, 5, 10 और 100 रुपये के नोट जारी किए गए. हालांकि 1980 तक पाकिस्तानी सरकार 1 रुपया का नोट जारी करती रही.