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यूपी-बिहार सीमा पर बने दहा नदी पुल में दरार, बड़े वाहनों के आवागमन पर लगाई गई रोक

यूपी-बिहार सीमा पर बने दहा नदी पुल में दरार, बड़े वाहनों के आवागमन पर लगाई गई रोक

सीवान । दाहा नदी पुल के पुल पर बने पुल में दरार आ गई है। केवल दस साल पहले ही इसका निर्माण हुआ था। पुल से होकर गुजरने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है। पुल के बीच का हिस्सा आंशिक रूप से धंसने की वजह से दरार बताया जा रहा है। 

हालांकि पानी रहने के कारण पुल का पाया धंसा है या नहीं पता नहीं चल पाया है। लेकिन प्रशासन का कहना है कि वाहनों के गुजरते समय पुल ध्वस्त होने की संभावना को देखते हुए बड़े वाहनों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अचानक मंगलवार की शाम में पुल के बीच के हिस्से में दरार आने की खबर स्थानीय प्रशासन को मिली, जिसके बाद सभी के हाथ-पांव फूलने लगे। जल्दी-जल्दी रूट बदलकर कर पुल से गुजरने वाले भार को कम किया गया। 

इधर समय से पहले ही पुल में आने वाली खामियों को लेकर जिले के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि जागरुक लोगों ने निर्माण के वक्त में उपयोग हो रही सामग्री को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद संवेदक ने सुधार भी किया था। बावजूद सभी पुल निर्माण की गुणवता को लेकर तब से आजतक सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं पुल के एक सिरे पर लगा शिलापट्ट बता रहा है कि दस जून 2011 को सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका भव्य तरीके से उद्घाटन किया था। हालांकि शिलापट्ट पर पुल की लागत नहीं लिखी हुई है लेकिन लोगों की माने तो लगभग तीन करोड़ रुपए निर्माण पर खर्च हुए थे।

ट्रैफिक प्रभारी शांहजहां खां ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर के बाद सभी भारी वाहनों यहां तक कि लोडेड पिकअप को भी अब यहां से गुजरने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सभी को बाइपास होकर गुजरना होगा। बताया कि तरवारा की ओर से आने वाली गाड़ियों को बबुनिया मोड़ व स्टेशन रोड की तरफ डायवर्ट कर दिया जाएगा। साथ ही मैरवा की तरफ से आने वाले वाहनों को गोपालगंज मोड़ से ही डायवर्ट करने की योजना बनायी गयी है। इस तरह के वाहनों पर नजर रखने को लेकर जवानों को लगाया गया है।


दाहा नदी पर काफी पुराना एक पुल था। समय के साथ उसकी हालत भी दिन-प्रतिदिन खराब होती चली गयी। पुल से गुजरने वाले वाहनों की अत्यधिक संख्या, जर्जरता व भीड़ के बढ़ते दबाव को देख ठीक उसके बगल में ही नए पुल का निर्माण किया गया था। वही अब क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा इस नए पुल(क्षतिग्रस्त) के संचालन होने के बाद भी पुराने पुल को तोड़कर वहां एक और नए पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ताकि भीड़ के दवाब को कम किया जा सके। शहर के लाइफ लाइन कहे जाने वाले पुल में दरार आने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

पुल निर्माण निगम सारण के इंजीनियर सुशील कुमार ने बताया कि पुल के आंशिक क्षतिग्रस्त होने की खबर मिली है। लेकिन नदी में पानी होने के कारण इस समय उसका निरीक्षण संभव नहीं है। जल्द क्षतिग्रस्त पुल की जांच को एक टीम जाएगी जो कारणों का पता लगाएगी।