
वाराणसी। विधान परिषद की शिक्षा व्यवसायीकरण जांच समिति के सामने संभागीय परिवहन कार्यालय की एक कारस्तानी सामने आयी है। बनारस आरटीओ कार्यालय से बाइक, मोटर कार और ई-रिक्शा को स्कूल बस का परमिट दे दिया गया। समिति की बैठक में यह गड़बड़ी एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने पकड़ी। समिति ने प्रमुख सचिव परिवहन को जांच का निर्देश देते हुए 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।
लखनऊ में सोमवार को समिति की बैठक में वाराणसी में स्कूली बसों की फीस में विभिन्नता और बसों में सुरक्षा मानकों में कमी पर चर्चा हुई। आरटीओ से मिली स्कूली बसों की सूची देखने के बाद एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने पूछा कि आखिर किस तरह ई-रिक्शा, स्कूटर, मोटर कार, माल ढोने वाली गाड़ी को स्कूल बस का परमिट दिया गया।
यह भी पूछा कि पिछले दिनों विभाग की जांच कमेटी में स्कूलों बसों में विभिन्न लापरवाही पकड़ी गयी थी, लेकिन क्या उन्हें दुरुस्त करा दिया गया। इस पर अधिकारी टालमटोल करते रहे। शतरुद्र प्रकाश ने कहा विभाग की जांच रिपोर्ट पूरी तरह से फर्जी है। इसलिए पूरे प्रकरण की जांच कर सम्बंधित की जवाबदेही तय की जाए। अध्यक्षता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने की। बैठक में सदस्य उमेश द्विवेदी सहित विभाग के आला अफसर मौजूद रहे।