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यूपी: लखनऊ में कालाजार से बचाव के लिए एड्स व टीबी से आजादी के लिए भी चलेगा अभियान।
लखनऊ। कालाजार रोग के उन्मूलन के लिए 13 जिलों में दवा का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। कीटनाशक दवा का छिड़काव जिन जिलों में शुरू किया गया है, उनमें बलिया, कुशीनगर, देवरिया, गाजीपुर, सुलतानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, भदोही, महाराजगंज, गोंडा, बहराइच, जौनपुर व लखीमपुर खीरी शामिल हैं।
कालाजार उन्मूलन अभियान के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. वीपी सिंह के अनुसार यह रोग बालू मक्खी के माध्यम से फैलता है। यह मक्खी कम रोशनी वाले और नम स्थानों पर ज्यादा रहती है। दीवारों की दरारों, चूहे के बिल और जानवर बांधने के स्थान आदि पर यह अधिक रहती है।
बता दें कि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा बुखार आए तो सर्तक हो जाना चाहिए। यदि मलेरिया के इलाज से भी वह ठीक नहीं हो रहा है तो उसको कालाजार हो सकता है। वर्ष 2018 तक कालाजार के 120 रोगी थे और अब इनकी संख्या घटकर 26 रह गई है। फिलहाल कीटनाशक दवा के छिड़काव के साथ-साथ आशा वर्कर प्रतिदिन 100 घरों का सर्वे कर यह पता लगाएंगी कि कहीं किसी को 15 दिनों से अधिक समय से बुखार तो नहीं आ रहा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी जांच उपचार की निशुल्क व्यवस्था है।
यूपी के 25 जिलों में एड्स व टीबी रोग से आजादी के लिए अभियान चलाया जाएगा। 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर यह कार्यक्रम शुरू होगा और साल भर तक चलेगा। न्यू इंडिया अभियान एक वर्ष तक चलेगा। 15 अगस्त 2022 को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इसका समापन होगा। लोगों को रक्तदान के लिए भी जागरूक किया जाएगा।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नाको द्वारा यह अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा। उप्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डा.हीरा लाल के मुताबिक प्रत्येक जिले में तीन सरकारी माध्यमिक स्कूलों और तीन डिग्री कालेजों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। युवाओं को स्वास्थ्य विशेषज्ञों के माध्यम से इससे बचाव के उपाए बताए जाएंगे।
जिन 25 जिलों में यह अभियान चलाया जाएगा, उनमें आगरा, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, औरैया, अयोध्या, बस्ती, बलिया, देवरिया, एटा, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, कानपुर, कुशीनगर, मथुरा, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रामपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर व वाराणसी शामिल हैं।