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यूपी: प्रयागराज कॉलोनी में भी आया बाढ़ का पानी तो लोगों ने घर के बाहर ही शुरू किया गंगा स्नान।
प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के उफनाने से आई बाढ़ लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। जिले में अब तक हजारों मकान पानी में डूब चुके हैं और लाखों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। शहर के दारागंज, छोटा बघाड़ा, सलोरी, नेवादा, बेली कछार इलाके के साथ ही चारों ओर तटीय इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है। बुधवार सुबह से हो रही बारिश ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बारिश के चलते राहत और बचाव कार्य में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं। लेकिन इस बीच कुछ लोग बाढ़ को भी इंजॉय कर रहे हैं।
बता दें कि दारागंज इलाके में बक्शी बांध से नाग वासुकी मंदिर होकर संगम जाने वाली सड़क पर 10 फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है। मकान डूब गए हैं लेकिन इन मकानों में रहने वाले प्रतियोगी छात्र व अन्य लोग बारिश के पानी में नहा रहे हैं और जमकर मौज मस्ती कर रहे हैं। बाढ़ के पानी में नहाने को लेकर इन युवाओं का यह कहना है कि वे आपदा को अवसर में बदल रहे हैं।
वहीं नहाने के लिए उनके पास कोई दूसरा साधन नहीं है
बाढ़ के चलते उनके घरों में बिजली पांच दिनों से नहीं आ रही है और पानी भी खत्म हो गया है। इसलिए नहाने के लिए उनके पास कोई दूसरा साधन नहीं है, क्योंकि मां गंगा उनके दरवाजे तक खुद चलकर आई हैं। इसलिए वह मां गंगा की गोद में स्नान कर रहे हैं। वहीं, बख्शी बांध के नीचे नागवासुकी की ओर जाने वाली सड़क पर बाढ़ के पानी में मौज मस्ती कर रहे युवाओं का वीडियो चर्चा का विषय बन गया है।
वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि शिव की नगरी काशी में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। गंगा अब खतरे के निशान से ऊपर उफान पर है। ऐसे में गंगा का पानी गलियों से होते हुए सड़कों तक जा पहुंचा है। सबसे ज्यादा परेशानी वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर देखने को मिल रही है, जहां छतों पर जल रही लाशों को ले जाने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में शव के साथ पहुंचे लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ जा रहा है।