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यूपी: चंदौली में आनलाइन आत्मरक्षा का गुर सीखेंगी छात्राएं, वाट्सएप पर लिंक भेजकर शिक्षक देंगे आत्मरक्षा के टिप्स।
चंदौली। बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर फिलहाल आनलाइन सिखाए जाएंगे। यू-ट्यूब सेशन के जरिए 25 दिन तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें आत्मरक्षा के विभिन्न आयामों को सीखने का मौका मिलेगा। इससे छात्राओं को मनचलों का सामना करने में मजबूती मिलेगी। इसके लिए महानिदेशक स्कूली शिक्षा व राज्य परियोजना निदेशक की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाली छात्राओं को राह चलते मनचले परेशान करते हैं। इस डर से तमाम बच्चियां पढ़ाई ही छोड़ देती हैं। ऐसे में उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ साल तक जूडो कराते कराटे का प्रशिक्षण भी उच्च प्राथमिक व कस्तूरबा विद्यालयों में दिलाया गया। अब बेसिक विद्यालयों के लिए भी पहल की जा रही है। छात्राओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के 25 दिवसीय कोर्स का यू-ट्यूब सत्रों का आनलाइन शुभारंभ किया जाएगा।
वहीं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, इंचार्ज शिक्षक व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे अभिभावकों के वाट्सएप पर लिंक भेजते हुए छात्राओं को प्रशिक्षण सुनिश्चित कराएंगे। प्रशिक्षण में छात्राओं को लाठी चलाना, जूडो व कराते के अलावा आत्मरक्षा के अलग अलग तरीके सिखाए जाएंगे।
मीना की दस लघु फिल्मों के माध्यम से जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार 23 अगस्त से शुरू किया जाएगा। फिल्म का प्रसारण प्रत्येक सप्ताह सोमवार को राज्य परियोजना कार्यालय से वाट्सएप के माध्यम से लिंक भेजकर किया जाएगा। मीना की प्रेरक फिल्मों को दिखाकर छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए जो प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, उस पर संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों को निगरानी रहेगी। एआरपी के माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी खुद निगरानी करते हुए जरूरी निर्देश संबंधित शिक्षकों को देंगे। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षक छात्राओं को आत्मरक्षा की बारीकियां समझाएंगे।
वहीं प्रकाशचंद्र यादव, खंड शिक्षा अधिकारी बोले कि विद्यालयों में पढ़ने वाली बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। समस्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को एआरपी के माध्यम से लिंक उपलब्ध कराया गया है।