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यूपी: लखनऊ में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वीरता पदक विजेताओं के साथ स्वजनों को किया सम्मानित। .
लखनऊ। देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को प्रदेश में बेहद यागदार बनाया जा रहा है। इसी क्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी शनिवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में 75 महिला बंदियों की रिहाई कराने के साथ ही वीरता पदक से सम्मानित के स्वजनों से भेंट कर उनको स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
वहीं उत्तर प्रदेश राजभवन लखनऊ में शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दो कार्यक्रम का आयोजन किया। इनमें से एक में उन्होंने प्रदेश के विभिन्न कारागार से 75 महिला बंदियों को रिहा किया। इन सभी को राज्यपाल ने उपहार भी प्रदान किया। इसके साथ ही इन सभी को अपना जीवन खुशहाल रखने की भी सीख दी।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीर सैनिकों के स्वजन से भी भेंट की। राजभवन में उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत वीरता पुरस्कार विजेताओं को राज्यपाल ने सम्मानित किया गया। इस दौरान शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के पिता गोपीचंद पांडेय और शहीद ले. हरी सिंह विष्ट की मां शांति देवी, शहीद मेजर कमल कालिया अर्चना कालिया, शहीद नायक राजा सिंह चंद्राना सिंह, कर्नल विमल किशन दास और ब्रिगेडियर प्रशांत कुमार घोष भी सम्मानित हुए।
मध्य कमान के सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों के स्वजन को सम्मानित भी किया। राज्यपाल ने कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय-परमवीर चक्र विजेता (मरणोपतरांत), कोमोडोर अरविंद सिंह-महावीर चक्र विजेता व नौसेना मेडल विजेता (1987), ब्रिगेडियर प्रशांत कुमार घोष- वीर चक्र (1971) विजेता, कर्नल विमल किशनदास बैजल- वीर चक्र (1971), कर्नल रघुनाथ प्रसाद चतुर्वेदी-वीर चक्र (1971), मेजर विष्णु स्वरुप शर्मा-वीर चक्र (1971), हवलदार कुंवर सिंह चौधरी सिंह- वीर चक्र मरणोपरांत (1971), नायक राजा सिंह-वीर चक्र मरणोपरांत (1971), मेजर कमल कालिया- शौर्य चक्र मरणोपरांत (1992), लेफ्टिनेंट हरी सिंह बिष्ट- शौर्य चक्र मरणोपरांत (2000), मानद कैप्टन चंचल सिंह- शौर्य चक्र (2001), ब्रिगेडियर नवीन सिंह- वीर चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल (1997), कर्नल बलराज शर्मा-शौर्य चक्र (1995), लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा-शौर्य चक्र (2019) तथा मानद कैप्टन गोकुल कुमार प्रधान-शौर्य चक्र (2001) के स्वजन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
बता दें कि उड़ी हमला के बाद भारतीय जांबाजों ने जिस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। ठीक वैसी ही सर्जिकल स्ट्राइक ब्रिगेडियर नवीन सिंह वीर चक्र ने दो नवंबर 1997 को की थी। कश्मीर में चरम पर पहुंच चुके आतंकवाद के दौरान तब मेजर नवीन सिंह उड़ी में तैनात थे। सीमा उस पर पाकिस्तानी रेंजर की पोस्ट आतंकियों की लांचिंग पैड थी। ब्रिगेडियर नवीन भारी बर्फबारी के बीच सीमा उस पर दुश्मनों की पोस्ट पर गए। वहां हमला कर आतंकियों को मार गिराया और बारूद बिछाकर उनकी पोस्ट तबाह कर दी।
1. ले. हरी सिंह विष्ट शौर्य चक्र (मरणोपरांत ) : पुंछ सेक्टर में 21 जुलाई 2000 को आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया। इस बीच बुरी तरह घायल होने पर भी ले. हरी सिंह विष्ट ने दो आतंकी मार गिराए।
2. ऑनरेरी कैप्टन चंचल सिंह शौर्य चक्र : मई 2001 में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के समय 25 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद बर्फीले तूफान के बावजूद आगे बढ़े और तिरंगा लहराया।
3. कर्नल बलराज शर्मा शौर्य चक्र : 18 नवंबर 1995 को मणिपुर में आतंकियों ने एक बस पर हमला कर मणिपुर राइफल्स के तीन जवानों को मार दिया। तब मेजर बलराज शर्मा ने अपनी क्यूआरटी के साथ जंगलों में कई दिनों तक तलाशी अभियान चलाकर उग्रवादियों को ढूंढ निकाला। उन्होंने 10 उग्रवादियों को मारकर भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया।
4. ले. कर्नल ज्योति लामा शौर्य चक्र: 23 जुलाई 2019 को मणिपुर में असम राइफल्स के कंपनी कमांडर ज्योति लामा आतंकियों की घेरेबंदी की। उन्होंने अपने सहायक के साथ दो आतंकियों को मार गिराया।
5. ऑनरेरी कैप्टन गोकुल कुमार प्रधान शौर्य चक्र : चार सितंबर 2001 को तब हवलदार गोकुल कुमार प्रधान ने पुंछ सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया। भारी गोलीबारी के बीच अपने सहायक के साथ तीन आतंकी मार गिराए।
6. मेजर विष्णु स्वरूप शर्मा वीर चक्र : सन 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपनी कंपनी के सेकेंड इन कमान मेजर शर्मा ने कंपनी कमांडर के शहीद होने पर खुद मोर्चा संभाला। अपनी पोस्ट पर दुश्मन के हमले को नाकाम किया और उनको मार गिराया।
7. हवलदार कुंवर सिंह चौधरी वीर चक्र (मरणोपरांत ): सन 1971 के भारत-पाक युद्ध में गढ़वाल राइफल्स के हवलदार कुंवर सिंह चौधरी पूर्वी सीमा पर तैनात थे। गोली लगने के बावजूद दुश्मन की पोस्ट पर तिरंगा लहराते हुए वह वीर गति को प्राप्त हुए।
8. कर्नल रघुनाथ प्रसाद चतुर्वेदी वीर चक्र : सन 1971 के भारत पाक युद्ध में तब कैप्टन रघुनाथ प्रसाद चतुर्वेदी ने अपनी ओर बढ़ रही पाकिस्तान के एक टैंक स्कवाड्रन और इंफेंट्री बटालियन को गंभीर रूप से घायल होने पर भी रोक दिया।