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यूपी: लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शासन को भेजा खाली पदों का ब्योरा, उम्मीद जल्द भरे जाएंगे पद।
लखनऊ। विकास प्राधिकरण लविप्रा में बाबुओं, अभियंताओं की संख्या कम हो गई है और विशेष कार्याधिकारी के पद ज्यादा हो गए हैं, इससे लखनऊ विकास प्राधिकरण कर्मचारी संघ में नाराजगी है। संघ का तर्क है कि जो समूह ग व घ के पद खाली हुए हैं, अगर शासन को लगता है उनकी जरूरत है तो भर्ती करे, अन्यथा फिजूल खर्च प्राधिकरण पर न बढ़ाए जाएं। यही नहीं लविप्रा में दो संयुक्त सचिव के पद स्वीकृत हैं, उतने ही पदों पर तैनाती की जाए। यही नहीं अवर अभियंता, सहायक अभियंता के खाली पदों पर भर्ती की जाए।
वहीं लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण में 1638 पदों के सापेक्ष 1485 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें पिछले कुछ सालों में तेजी से कर्मचारी अधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं। वहीं बाबुओं, माली सहित अन्य पदों पर कार्यरत लोग सेवानिवृत्त हुए हैं। हाल में कोरोना काल में जिन कर्मचारियों की मृत्यु हुई थी, उनके आश्रितों को लविप्रा ने नौकरी दे दी है। अब प्राधिकरण से खाली पदों का पूरा ब्योरा बनाकर शासन भेजा गया है।
अगर समूह ग के तहत भर्ती होती हैं तो कर्मचारी मेरिट के आधार पर प्राधिकरण भी भेजा जाएगा। उपाध्यक्ष ने बताया कि अवर अभियंता के 76 कार्यरत हैं। इनमें 17 पालिका सेवा के हैं और बचे हुए प्राधिकरण सेवा के हैं। यही नहीं सहायक अभियंता के 47 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 29 लोग ही वर्तमान में कार्यरत हैं। इसमें कुछ अभियंताओं की कोरोना काल में मौत हो गई और उनके आश्रितों को बाबू व अन्य पद पर नौकरी मिली। इससे भी पद खाली हुए हैं।
लविप्रा में दो संयुक्त सचिव व एक नजूल अधिकारी का पद स्वीकृत हैं, लेकिन विशेष कार्याधिकारी के सात अफसर हैं। स्वीकृत पद के हिसाब से अफसर होने चाहिए। जो पद खाली हैं, उनका पूरा ब्योरा बनाकर शासन को अवगत कराया जा चुका है। इनमें बाबू, अवर अभियंता, सहायक अभियंता के पद भी हैं।