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यूपी: लखनऊ के केजीएमयू की ओपीडी में अब देखे जाएंगे ज्यादा मरीज, जानें कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है या नहीं।
लखनऊ। लगातार घट रहे कोविड संक्रमण के मामलों के चलते अस्पतालों में ओपीडी पटरी पर आने लगी है। अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। बुधवार को कोरोना के सिर्फ दो मरीज मिले। ऐसे में कोरोना संक्रमण के कम होते असर को देखते हुए ओपीडी को लेकर तमाम तरीके के प्रतिबंध भी अब हटाए जाने लगे हैं। इसकी शुरुआत किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू ने की है। केजीएमयू में अब ओपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों की संख्या की सीमा बढ़ा दी गई है। नयी व्यवस्था के अनुसार अब सुपर स्पेशलिटी विभागों में रोजाना 100 मरीज देखे जाएंगे।
इसके साथ ही डेंटल सहित अन्य विभागों में रोजाना 200 मरीज देखे जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, आने वाले मरीजों को पहले की तरह ही अधिकतम तीन दिन पुरानी कोविड आरटीपीसीआर निगेटिव की रिपोर्ट अथवा कोविड टीकाकरण के दोनों डोज का सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि सुपर स्पेशियलिटी विभागों में रोजाना देखे जाने वाले 100 मरीजों में 40 नए और 60 फॉलोअप वाले मरीज शामिल होंगे, जबकि अन्य विभागों में प्रतिदिन देखे जाने वाले 200 मरीजों में 75 नये व 125 फॉलोअप वाले मरीजों को देखा जाएगा।
यह व्यवस्था 18 अगस्त से लागू कर दी गई है। इससे मरीजों को राहत मिलेगी और बिना इलाज अस्पताल से लौटना नहीं पड़ेगा। अब तक ओपीडी के लिए मरीजों की संख्या सीमित होने के कारण तमाम लोगों को अपनी बारी ना आने पर निराश होकर लौटना पड़ता था। केजीएमयू के बाद अब अन्य अस्पताल भी ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ाकर उन्हें राहत देने की दिशा में सोच रहे हैं। खासकर, संजय गांधी पीजीआइ और राम मनोहर लोहिया संस्थान भी इस दिशा में फैसले ले सकते हैं। अभी इन दोनों संस्थानों में भी सीमित मरीजों की ओपीडी ही संचालित हो रही है।