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यूपी: वाराणसी जिलाधिकारी ने लगाई क्लास तो खाली हुआ तहसील परिसर का पुराना भवन।
वाराणसी। तहसील में पिछले पांच साल से लंबित अधूरे निर्माण कार्य की राह प्रशस्त हो चुकी है। जिलाधिकारी ने तहसील के पुराने भवन को खाली करके न देने पर तहसील प्रशासन के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई है। कहा कि तत्काल पुराने भवन को खाली कराकर दिया जाए ताकि उक्त स्थल पर लंबे अर्से से लंबित परियोजनाएं मूर्तरूप ले सकें।
निर्वाचन आयोग ने दस साल पहले ही ईवीएम गोदाम निर्माण के लिए लगभग दो करोड़ धनराशि जारी कर दिया था। कार्यदायी एजेंसी लोक निर्माण विभाग के निर्माण खण्ड को बनाया गया था लेकिन प्रशासन मुख्यालय के आसपास इसके निर्माण के लिए जमीन ही उपलब्ध नहीं करा सका। चौकाघाट में जमीन चिहिन्त हुई तो प्रशासन खाली नहीं करा सका। विवाद की वजह से मामला कोर्ट में पहुच गया। इसके बाद प्रशासन ने तहसील के नव निर्माण भवन के दौरान पुराने भवन की जमीन पर गोदाम बनाने का प्रस्ताव भेजा।
बता दें कि आयोग ने हरी झंडी दी। लेकिन राजस्व परिषद से पुराने भवन को गिराने की अनुमति लेने में प्रशासन को लंबा वक्त लगा। जब राजस्व परिषद ने अनुमति दी तो आदेश फाइल में अटका रह गया। जब इसकी जानकारी हुई तो डीएम ने एसडीएम से बात की। तब जाकर इस गोदाम के निर्माण की राह बनी है। यह भवन दो मंजिला होगा। नीचे ईवीएम गोदाम तो ऊपर वीवी पैट को रखा जाएगा।
पुराने तहसील भवन की जमीन पर कर्मचारियों के लिए आवास व राजस्व जेल, कैंटीन का निर्माण भी प्रस्तावित है। एजेंसी ने बहुत पहले ही तहसील का नया भवन निर्माण करके तहसील के हवाले कर दिया था लेकिन पुराने भवन के न गिराकर देने के कारण कर्मचारियों का आवास , राजस्व जेल, कैंटीन आदि का निर्माण नहीं हुआ। इसमे लिए भी धनराशि पांच साल पहले से जारी है। लगभग 10 करोड़ से अधिक धनराशि इस पर खर्च होनी है।