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UP : प्रेमी के साथ मिलकर पति के कत्ल की आरोपित महिला को नहीं मिली जमानत
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेमी की मिलीभगत से पति की हत्या कराने की आरोपित रीना देवी को अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है। राकेश यादव ने गोरखपुर के चिलुआटल थाने में अपने छोटे भाई अजय यादव के कत्ल में उसकी पत्नी व किराएदार पर साजिश कर हत्या करने के आरोप में 31 मार्च 2021 को एफआइआर दर्ज कराई।
अजय 21 मार्च से लापता था। उसकी पत्नी रीना ने 23 मार्च को गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद 28 मार्च को बैगई जंगल में उसकी लाश बरामद की गई थी।
भाई राकेश यादव ने मुकदमा दर्ज कराकर रीना और किराएदार पर आरोप लगाया कि अवैध रिश्ते की वजह से अजय का कत्ल किया गया था। आरोपी पत्नी का कहना था कि घटना का कोई गवाह नहीं है। अवैध ताल्लुक के आरोप निराधार और झूठे हैं। सरकारी वकील का कहना था कि मृतक की बहन ने अवैध रिश्ता के बारे में बयान दिया है। अजय और रीना के बीच झगड़ा भी होता रहता था। कत्ल में इस्तेमाल किया गया गंडासा व मृतक का चप्पल बरामद किया गया है। घटना के दिन दोनों आरोपियों में कई बार फोन पर लंबी बात हुई थी। ये सारे ऐसे सुबूत हैं जो आरोपित महिला की अपराध में संलिप्तता के बारे में पुष्टि करते हैं। इन सुबूतों के आधार पर हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लूट और हत्या के आरोपी लाइनमैन राम नरेश उर्फ खूनी के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि भूमिका भिन्न होने के कारण सह अभियुक्तों को मिली जमानत की पैरिटी (समानता) याची को नहीं दी जा सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने रामनरेश खूनी की अर्जी पर दिया है।
वीरेंद्र गुप्ता द्वारा आगरा के पिनाहट थाने में दर्ज एफआइआर के अनुसार 24 नवंबर 2019 को वह शाम को दुकान बंदकर घर आया तो गेट अंदर से बंद था। पत्नी को आवाज दी,
लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला और न कोई आहट मिली। इसके बाद पड़ोसी के लड़के ने दीवार फांदकर अंदर से दरवाजा खोला तो देखा पत्नी खून से लथपथ किचन में पड़ी थी।हाथ और पैर बंधे थे। सिर व गले में चोट थी। कमरों में सामान बिखरा हुआ था। चार लाख 10 हजार रुपये नकदी,35 तोला सोने-चांदी के जेवर और एक किलो चांदी गायब थी। याची का कहना था कि वह बिजली विभाग में संविदा पर लाइनमैन का काम करता है। पार्टीबाजी के कारण झूठा फंसाया गया है। एक लाख 43हजार 500 की नकदी बरामदगी झूठी दिखाई है। तीन सह अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है। उसे भी रिहा किया जाय। वह चार दिसंबर 2019 से जेल में बंद हैं।
सरकारी वकील का कहना था कि मृतका वीरवती की 15 साल की बेटी जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, घटना की चश्मदीद गवाह है। वह चिल्ला रही थी कि खूनी खूनी। अन्य अभियुक्तों से गहने भी बरामद किए गए हैं। शिकायतकर्ता ने एसएसपी आगरा से सुरक्षा की मांग की है। अन्य कुछ आरोपी गिरफतार किए गए हैं। उनका आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने हत्या की क्रूरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है।