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वाराणसी : कैदियों के मुलाकाती की आरटीपीसीआर रिपोर्ट न होने से दर्जनभर निराश लौटे

वाराणसी : कैदियों के मुलाकाती की आरटीपीसीआर रिपोर्ट न होने से दर्जनभर निराश लौटे

वाराणसी । कोरोना के कारण जेलों में कैदियों से मुलाकात पर लगी रोक 17 माह बाद सोमवार से हटा ली गई। हालांकि कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने पर दर्जनभर मुलाकाती निराश लौटे। केंद्रीय कारागार में महज दो तो जिला कारागार में छह लोग ही बंदियों से मिल सके।

कारागारों में कोविड प्रोटोकॉल के पालन की अनिवार्यता के कारण जौनपुर, गाजीपुर, मऊ व आसपास के जनपदों से आये मुलाकाती निराश हुए। केंद्रीय कारागार में सुबह जौनपुर से राम अवध और उनके परिवार की महिला पहुंची थी। बताया कि यहां परिवार का एक सदस्य बंद है। लंबे समय बाद मुलाकात की आस थी लेकिन गाइडलाइन की जानकारी नहीं थी। इसी तरह जिला कारागार में चंदौली के शिव सोनकर, सोनभद्र की तारामती अपने बेटे के साथ आई थीं। झोले में सामान लिये थीं। बताया कि मारपीट के मामले में परिवार के सदस्य बंद हैं। उनसे सामान रखवा लिया गया। जेल के डीआईजी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि केंद्रीय कारागार में दो लोगों ने आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट दिखाई। इसके बाद उन्हें मिलने दिया गया। उधर जिला जेल अधीक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि छह मुलाकाती आये। बाकी का सामान रखवा लिया गया। उनके परिवार के बंदियों को सामग्री दे दी जाएगी।

मुलाकात के समय तीन दिन के भीतर की आरटीपीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट जरूरी है। साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना होगा। सप्ताह में एक बंदी से एक बार में दो लोग ही मिल सकेंगे। इसके अलावा पहले की तरह पीसीओ से परिवार से बातचीत कर सकते हैं। बता दें कि जिला जेल में इस समय 2377 बंदी हैं। जबकि केंद्रीय कारागार में 1600 बंदी हैं।