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वाराणसी : गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी में डूबा मणिकर्णिका घाट, छत पर हो रहा शवों का अंतिम संस्कार, आरती स्थल भी बदले
वाराणसी । पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से बनारस की गंगा का जलस्तर (Ganga Water Level) बढ़ने लगा है. हालात ये हो गए हैं कि गंगा घाटों की आरती वाली जगहों को भी एहतियात के तौर पर बदल दिया गया है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सोमवार रात 10 बजे तक गंगा का जलस्तर 67.26 मीटर तक पहुंच गया. परेशानी की बात ये है कि कि मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिसकी वजह से शवों के दाह संस्कार के लिए 8-9 घंटे का इंतजार किया जा रहा है.
घाट पूरी तरह से पानी में डूब गया है. इसकी वजह से मजबूरन अब घाट की छतों पर दाह संस्कार (Cremation On Ghat Roof) किया जा रहा है. मणिकर्णिका घाट के जलमग्न होने की वजह से शवों के दाह संस्कार में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. उसके बाद ही उन्हें नंबर मिल पा रहा है. बारिश (UP Rain) की वजह से गंगा अब उफान पर हैं. महज चौबीस घंटों में गंगा के जलस्तर में 7 फुट से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. जिसकी वजह से शव दाह करने वाले सभी प्लेटफॉर्म और वहां पड़ी लकड़ियां पानी में डूब गए हैं.
गंगा में आई बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा परेशनी शवों का दाह करने वाले डोमराजा परिवार को हो रही है. उनका कहना है कि पहले घाट पर हर रोज 30-40 शवों का अंतिम संस्कार होता था लेकिन अब छतों पर इसकी व्यवस्था की गई है, जिसकी वजह से काफी पेरशानी हो रही है. लोगों को 8-9 घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है.
बनारस में गंगा का पानी खतरे के निशान से सिर्फ तीन पॉइंट ही नीचे है. लेकिन फिर भी हर तरफ बाढ़ सी आ गई है. सात दिनों में गंगा के जलस्तर में 8 मीटर से ज्यादा भी बढ़ोत्तरी हुई है. सिर्फ 24 घंटों में पानी 2 मीटर से ज्यादा बढ़ गया है. अगर इसी स्पीड से जलस्तर में बढ़ोत्तरी होती रही तो अगले तीन दिनों के भीतर यह खतरे के निशान को पार कर सकता है. बाढ़ की वजह से 84 घाटों का संपर्क टूट चुका है. इसके बाद प्रमुख जगहों के आरती स्थल भी बदल दिए गए हैं. वहीं वरुणा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है.