वाराणसी । उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस वक्त बाढ़ और बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बाढ़ ने कहर बरपा रखा है. इस बीच पीएम मोदी ने वाराणसी में बाढ़ से जुड़े हालात को लेकर वाराणसी प्रशासन से विस्तृत चर्चा की. उन्होंने पूरी स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
वहीं जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा समेत स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने की बात भी कही । इस प्राकृतिक आपदा बाढ़ से पीड़ित परिवारों को तुरंत राहत शिविरों में शरण देने की बात पर भी जोर दिया । जिससे आमजन को क्षति बहुत कम हों सकें ।
वहीं बता दें कि वाराणसी में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. यहां गंगा खतरे के निशान से लगभग 13 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. मारुति नगर, जानकीनगर, सामने घाट, अस्सी घाट समेत वरुणा पार के दर्जनों मोहल्लों में गंगा का पानी घुस चुका हुआ है. मकान पानी में डूबे हुए हैं. लोग घरबार छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ जा रहे हैं. एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों लगातार राहत और बचाव के काम में जुटी है.
वाराणसी का अस्सी घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. यहां करीब दस फुट से ज़्यादा पानी भरा है. घाट पर सारी गतिविधियां थमी हुई हैं. आसपास बने रेस्टोरेंट, दुकानों और घरों में भी गंगा का पानी घुस चुका है. सड़कों पर नाव चल रही है. वाराणसी में बाढ़ से लोग परेशान हैं. कारोबार ठप है. कोरोना संकट के बाद बाढ़ के संकट ने लोगों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी कर दी है.
वाराणसी के साथ ही संगम नगरी प्रयागराज में भी गंगा और यमुना नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. बाढ़ में हजारों मकान डूब गए हैं. तराई के इलाकों में एक मंजिल तक पानी भरा है. बाढ़ को लेकर प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है. कई सड़कों और रास्तों पर नाव चल रही हैं. बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. हजारों लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों और दूसरी सुरक्षित जगहों पर शरण ली हुई है. तमाम लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं. प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तैनात कर दी है, जो लगातार राहत और बचाव का काम कर रही हैं.