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यूपी: चार माह से शिक्षकों के परिजनों को पेंशन और ग्रेच्युटी का इंतजार, वाराणसी में 16 शिक्षकों की कोविड से हुआ था निधन।
वाराणसी। काेरोना संक्रमण से नई पेंशन योजना के तहत नियुक्त वाराणसी मंडल में 16 माध्यमिक शिक्षकों का भी निधन हुआ था। इसमें जनपद के पांच शिक्षक भी शामिल है। चार माह से अधिक समय बीत जाने के बाद मृत शिक्षकों के परिजनों को पेंशन व ग्रेच्युटी का लाभ अब तक नहीं मिला है। इसे लेकर शिक्षकों में रोष है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षक नेता सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने रविवार को मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक, अपर शिक्षा निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक को मेल कर मृतक आश्रितों को नियमानुसार शीघ्र पेंशन व ग्रेच्युटी लाभ दिलाने का अनुरोध किया है।
वहीं इसमें कहा गया है कि एनपीएस से आच्छादित 16 शिक्षकों की मृत्यु कोविड की दूसरी लहर में हुई थी, जिनकी पत्रावलियां उपशिक्षा निदेशक वाराणसी कार्यालय में अब भी लंबित है। जबकि केंद्र सरकार ने 30 मार्च 2021 को एनपीएस से आच्छादित किसी शिक्षक व कर्मचारी की मृत्यु होने पर स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि एनपीएस खाते में अभिदाता/कर्मचारी के द्वारा किया गया अंशदान कर्मचारी को तथा सरकारी अंशदान राजकोष में प्राप्त होगा तथा कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके अंतिम आहरित मूल वेतन का आधा मृतक के आश्रित को पेंशन अगले दस वर्षों तक बनेगा। अफसोस की बात यह है कि केंद्र की पहल के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में अब तक कोई भी विभागीय आदेश जारी नहीं किया गया है। जिसके चलते कार्यालयों द्वारा आपत्ति लगाकर रोककर रखा गया है। दूसरी तरफ मृत शिक्षकों के परिवारवालों का जीवन वर्तमान समय में संकटमय हो गया है।
बता दें कि पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर में अभी तक एचआइएमएस (हास्पिटल इंफारमेशन मैनेजमेंट सिस्टम) लागू नहीं हो पाया है। वहीं बीएचयू के ही सर सुंदरलाल चिकित्सालय में यह सुविधा कई वर्षों से संचालित हो रही है। इस सिस्टम के लागू होने से पादर्शिता तो बढ़ती है ही साथ ही तमाम सुविधाएं आनलाइन भी होती है। मालूम हो कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में हर मरीज को पर्ची कटाने के दौरान एमआरडी नंबर मिला है। इसी नंबर के आधार पर उपचार एवं जांच की सारी प्रक्रिया होती है।