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चंदौली : पं. दीनदयाल उपाध्‍याय उपवन में 163 फीट ऊंची प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

चंदौली : पं. दीनदयाल उपाध्‍याय उपवन में 163 फीट ऊंची प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि


चंदौली । पंडित दीनदयाल उपाध्याय , चाणक्य और महात्मा गांधी के बाद तीसरे ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने राजनीति के अलावा समाज एवं अर्थ क्षेत्र में भी अपने विचारों से काफी प्रभावित किया। केंद्र तथा अन्य सूबों में शासन चला रही भारतीय जनता पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बताए हुए रास्ते पर चल रही हैं। दीनदयाल जी का अन्त्योदय एक मुहावरा बन गया है और साथ हीं साथ उन्होंने वोट व रोजगार अधिकार बनाने का जो आग्रह किया था, वह आज की परिस्थिति में समीचीन दिखाई पड़ता है।

दीनदयाल जी राष्ट्रभक्ति के जीते जागते उदाहरण थे और उन्होंने भारतीय राजनीति के दिशा और दशा को निरूपित कर दिया। जब समाज का हर व्यक्ति सबल होगा तभी देश विश्व गुरु बनकर पूरे विश्व में भारत का परचम लहराएगा। उक्त बातें कमल संदेश पत्रिका के मुख्य संपादक शक्ति बख्शी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर स्मृति संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में कहीं ।


इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से 105 साल पहले भारतीय जन संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सैद्धांतिक अधिष्ठान के प्रणेता, आदर्श कर्म योगी, विलक्षण विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म हुआ था। मथुरा का पैतृक निवास, कानपुर में संघ से जुड़ाव, लखीमपुर से प्रचारक जीवन का आरंभ, लखनऊ से राष्ट्र धर्म का संपादन और पीडीडीयू नगर में उनका शव मिला।

उन्‍होंने कहा कि भाजपा की सरकार जन-जन की सेवा के माध्यम से ईमानदारी और मेहनत से पं. दीनदयाल जी के सपनों को सबका साथ-सबका विकास की नीति से साकार करने में लगी हुई है। कहा कि हम सभी कार्यकर्ता इनके बताए हुए रास्तों पर हम सब चलते रहें। इसका सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया व उनके सोच को पूरे देश में प्रकाश की तरह फैलाने का निर्णय लिया गया। वहीं सुबह से ही कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के उपवन आने जाने और श्रद्धा सुमन अर्पित करने का क्रम चलता रहा।