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वाराणसी : अब गली-गली में अस्पताल, शहरी क्षेत्र में खुलेंगे 72 अतिरिक्त पीएचसी
वाराणसी । जिले में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में 24 मोहल्ला अस्पताल के बाद अब गली-गली में चिकित्सा सेवा का विस्तार होने जा रहा है। हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन तीन-तीन यानी 72 अतिरिक्त पीएचसी खुलेगी। इनमें पहले चरण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 30 अतिरिक्त केंद्रों का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसके अलावा खास यह कि बनारस को दो नए शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी मिलने जा रहे हैैं। इसे काशी विद्यापीठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड कर आकार दिया जाएगा तो सारनाथ में बन रहा अस्पताल भी इसी साल शहरी सीएचसी के रूप में मिल जाएगा।
राष्ट्रीय नगरीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से 2021-22 के प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन प्लान (पीआइपी) में बनारस के शहरी क्षेत्र को यह सौगात दी गई है। इनके लिए सैद्धांतिक सहमति सीएमओ दफ्तर को मिल गई है। अब सिर्फ स्थापना के लिए दिशा-निर्देश का इंतजार है।
इसके अलावा पूर्व में स्वीकृत पांच शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी पीआइपी में शामिल किया गया है। काशी विद्यापीठ के दो, रामनगर, लमही व लेढूपुर के इन नए प्राथमिक केंद्रों के लिए जून में ही प्रस्ताव मंगाने के साथ मिशन की ओर से कार्य शुरू करने का निर्देश दे दिया गया था। एनएचएम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. एके मौर्या के अनुसार जल्द ही शहरी क्षेत्र में गली-गली चिकित्सा व्यवस्था मिलने लगेगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संसाधनों की दृष्टि से नजर दौड़ाएं तो इन्हें छोटा मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल कहा जा सकता है। इनमें अधीक्षक समेत विभिन्न विशेषज्ञता वाले पांच डाक्टरों की तैनाती होती है। अभी शहरी क्षेत्र में तीन सीएचसी चौकाघाट, दुर्गाकुंड व शिवपुर में काम कर रही है। काशी विद्यापीठ ब्लाक व सारनाथ के इसमें शामिल होने से इनकी संख्या पांच हो जाएगी। वहीं पांच नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के जुडऩे से पीएचसी भी 29 हो जा रही है।
बनारस को सौगात की तरह मिली अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक एमबीबीएस डाक्टर के साथ ही चार स्टाफ होंगे। इसमें एक मल्टी परपज वर्कर, एक फार्मासिस्ट व एक परिचारक होंगे। इस केंद्र में डाक्टरी परामर्श के साथ ही इलाज की व्यवस्था तो मिलेगी ही जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के पूरे इंतजाम होंगे।