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चंदौली: विवादों में आए भाजयुमो जिलाध्यक्ष, दोहरे लाभ का आरोप

चंदौली: विवादों में आए भाजयुमो जिलाध्यक्ष, दोहरे लाभ का आरोप

चंदौली: नवनिर्वाचित भाजयुमो जिलाध्यक्ष आशीष रघुवंशी लाभ के दोहरे पद के विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं. दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI activist) दीपेश कुमार सिंह ने बीएसए से पत्र के जरिए शिकायत की है. इसके अलावा उन्होंने आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई है.आरोप लगाया कि वे टांडा कला परिषदीय विद्यालय विद्यालय में अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं. साथ ही अनुदेशक आशीष रघुवंशी वर्तमान में भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी हैं. इससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है, जो सरकारी सेवक की नियमावली का माखौल उड़ा रहा है. वहीं, बीएसए सत्येंद्र सिंह ने चहनियां एबीएसए को मामले की जांच करने को कहा है.

चहनियां के भलेहटां निवासी दीपेश कुमार ने आरोप लगाया कि पूर्व में राजनीतिक दल भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री और वर्तमान में जिलाध्यक्ष आशीष सिंह रघुवंशी चहनियां विकास खंड के टांडाकला प्रथम विद्यालय पर अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं.
परिषदीय विद्यालय में रहने के बाद भी उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकारी सवेक आचरण नियमावली 1956 के नियम का लगातार कई वर्षों से उल्लंघन किया जा रहा है.

 जबकि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियम 2 (ख) में वर्णित सरकारी सेवक की परिभाषा के तहत अनुदेशक पद आएगा.ऐसे में खुलेआम सोशल मीडिया व मंचों से राजनैतिक गतिविधियों में पदस्थ होकर व विभागीय अधिकारियों की कृपा से शिक्षण कार्य से विरत रहते हुए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर फर्जी उपस्थिति हस्ताक्षर पर अनुदेशक आशीष सिंह रघुवंशी लगातार नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं. इसकी जांच कराकर मानदेय वसूली के साथ ही मुकदमा दर्ज कराते हुए सेवा समाप्त किया जाए.वहीं, इस बाबत भाजयुमो जिलाध्यक्ष आशीष रघुवंशी ने इस शिकायत को द्वेषपूर्ण करार दिया है. 

उन्होंने कहा कि वे भाजपा में पिछले कई सालों से सक्रिय हैं. लेकिन अब जब वे जिलाध्यक्ष बने हैं, तो शिकायत की जा रही है. ताकि उनकी छवि को खराब किया जा सके.इस संबंध में बीएसए सत्येंद्र सिंह ने कहा कि चहनियां एबीएसए को मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. एबीएसए ने संबंधित प्रतिवादी को नोटिस देकर मामले से अवगत करा दिया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

बहरहाल, बीएसए चंदौली सत्येंद्र सिंह जांच के बाद कार्रवाई की बात जरूर कह रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या विभाग को अब तक इस बात की जानकारी नहीं थी