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जमशेदपुर: साइबर ठगों के निशाने पर झारखंड के सरकारी अस्पताल, सर्वर हैक कर बना रहे फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र।

जमशेदपुर: साइबर ठगों के निशाने पर झारखंड के सरकारी अस्पताल, सर्वर हैक कर बना रहे फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र।


झारखंड। जमशेदपुर में साइबर ठगों के निशाने पर राज्य के सरकारी अस्पताल हैं। अब कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल एमजीएम मेडिकल कॉलेज का सर्वर हैक कर 79 लोगों को ठग लिया है। यह गंभीर मामला सामने आने के बाद एमजीएम प्रबंधन ने साइबर ठगों के खिलाफ साकची थाना में शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल, साइबर ठगों ने जुलाई माह से एमजीएम के सर्वर हैक कर उप-रजिस्ट्रार के नाम से फर्जी आइडी बना लिया था। उस फर्जी आइडी के माध्यम से लोगों का जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाया जा रहा है।

बता दे कि 14 अगस्त को यह मामला पकड़ में आया तब तक 74 लोगों को अपना शिकार बनाकर उनसे जन्म प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर ठगी कर लिए थे। वहीं, पांच लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इससे पूर्व साइबर ठगों ने रांची सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह जन्म-मृत्यु के उप निबंधक सव्यसाची मंडल की आइडी और पासवर्ड हैक कर 22 जन्म प्रमाण पत्र और सात मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए थे। इसके साथ ही, धनबाद, देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज में फर्जीवाड़ा का मामले सामने आ चुका है। धनबाद में 300 प्रमाण पत्र पकड़े गए थे।

वहीं मानगो निवासी एक व्यक्ति भी साइबर ठगों के चपेट में आकर अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र बनाया था। इसी बीच वह एमजीएम अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र की जांच कराने पहुंच गए। उस दौरान फर्जी जन्म प्रमाण का खुलासा हुआ और इससे अस्पताल प्रबंधन के कान खड़े हो गए। इसके बाद इसकी जानकारी जिला सांख्यिकी विभाग को दी गई। उनके द्वारा जांच की गई तो पता चला कि JH90067SR आइडी फर्जी एवं अवैध है।

वहीं एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के रजिस्ट्रार उपाधीक्षक होते हैं। जबकि साइबर ठगों ने उप-रजिस्ट्रार के नाम पर आइडी तैयार किया था, जो मेडिकल कॉलेज में नहीं होता है। वहीं, ब्लॉक स्तर पर पंचायत सचिव जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के रजिस्ट्रार होते हैं। साइबर ठगों ने सर्वर को हैक कर 79 लोगों को जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया था, जो फर्जी व अवैध है। इसकी जानकारी जिला रजिस्ट्रार (डीसी) को दे दी गई है। अस्पताल में इस नाम से कोई भी आइडी नहीं है। इसकी शिकायत साकची थाने में की गई है।