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अफगानिस्तान में हो सकता है गृह युद्ध, पश्चिमी देशों को तालिबान के साथ करनी चाहिए बातचीत- पाक विदेश मंत्री

अफगानिस्तान में हो सकता है गृह युद्ध, पश्चिमी देशों को तालिबान के साथ करनी चाहिए बातचीत- पाक विदेश मंत्री

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी को एक गैरजिम्मेदाराना और अव्यवस्थित कदम करार देते हुए बुधवार को कहा कि यदि पश्चिमी देश तालिबान के साथ संवाद करने में विफल रहे तो वहां गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है. पाकिस्तान के टीवी न्यूज चैनल जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी ने अफगानिस्तान में संभावित अराजकता और आतंकवाद के फिर से सिर उठाने के खतरे को लेकर आगाह करते हुए कहा कि युद्ध समाप्त करने के बारे में पाकिस्तान की चिंताओं को दरकिनार किया गया और गैरजिम्मेदाराना तरीके से सैनिकों को वापस बुला लिया गया.

अमेरिकी सैनिकों को लेकर आखिरी सी-17 मालवाहक विमान ने मंगलवार तड़के काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी, जिसके साथ ही अफगानिस्तान में अमेरिका का 20 वर्ष लंबा सैन्य अभियान समाप्त हो गया. इससे पहले 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, “अफगानिस्तान में अराजकता फैल सकती है और इससे उन संगठनों को जगह मिलेगी जिनसे हम सभी डरते हैं. हम नहीं चाहते कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में अपनी जड़ें मजबूत करें.”

कुरैशी ने कहा कि पश्चिम को अब यह सुनिश्चित करने के लिए नई तालिबान सरकार का परीक्षण करना चाहिए कि वह अपने वादों को पूरा करती है कि नहीं. उन्होंने कहा कि यदि पश्चिम तालिबान के साथ बातचीत नहीं करता है, तो अफगानिस्तान एक और गृहयुद्ध का शिकार हो सकता है और इस क्षेत्र में आतंकवाद की एक नई लहर फैल सकती है.


महमूद कुरैशी ने हाल ही में तालिबान और अफगान नेताओं से स्थायी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समावेशी राजनीतिक समाधान के लिए काम करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था, “एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान पाकिस्तान और क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण है.” उन्होंने उम्मीद जताई की अफगान राजनीतिक दल देश और क्षेत्र में स्थायी शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी राजनीतिक समाधान के लिए काम करेंगे.

इसके अलावा उन्होंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान से संपर्क बनाए रखना चाहिए और मौजूदा संकट से निकलने में उसकी मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा था, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के लोगों के साथ मानवीय और आर्थिक स्थिरता दोनों आधार पर उनके साथ सॉलिडैरिटी और समर्थन दिखाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अलावा कोई और देश एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान नहीं चाहता था और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एक समावेशी राजनीतिक समाधान की हमेशा वकालत की थी.