National
भारत / इंडियन मिलिट्री एकेडमी में जारी रहेगी अफगानी कैडेट की ट्रेनिंग, अधिकारी कर रहे काउंसलिंग- रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट
नई दिल्ली । देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे 82 अफगानी कैडेट के अनिश्चित भविष्य को लेकर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उनकी मौजूदा स्थिति के बारे में पता है. उन्होंने कहा कि कैडेट अपनी ट्रेनिंग जारी रखेंगे और सरकार अपनी बनाई जाने वाली नीतियों के मुताबिक आगे इस मामले को देखेगी.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के इतर रक्षा राज्य मंत्री भट्ट ने कहा, “वे फिलहाल ट्रेनिंग ले रहे हैं. वे खुद चिंतित हैं. मैंने सुना है. मैंने उनसे बातचीत नहीं की है लेकिन मैंने अधिकारियों को इसके बारे में बताया है. मुझे बताया गया कि वे और उनके पैरेंट्स (अफगानिस्तान में) चिंतित हैं. वे अच्छे लोग हैं. उन्हें ट्रेनिंग मिलेगी और हम इसे सरकार की बनाई गई नीति के हिसाब से आगे देखेंगे.”
वहीं इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल हिमानी पंत ने बताया, “कैडेट्स की ट्रेनिंग रुटीन के मुताबिक सामान्य रूप से जारी है. अधिकारी उनसे नियमित रूप से बातचीत कर रहे हैं और सभी कैडेट की काउंसलिंग कर रहे हैं.”
इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजय भट्ट ने मंगलवार को कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 सालों के कार्यकाल में रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना है. उन्होंने कहा, “पहले हमारी सेना को हर चीज के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन आज हम 11 हजार करोड़ से अधिक की रक्षा सामग्री विदेशों में निर्यात कर रहे हैं.”
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के निजीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार का किसी भी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के निजीकरण करने का कोई इरादा नहीं है. देश के 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के काम में और सुधार लाने के लिए सात डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग बनाए जा रहे हैं, जो पूरी तरह सरकारी हैं.”
रक्षा राज्य मंत्री ने उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम, 2019 के तहत गठित चार धाम देवस्थानम बोर्ड के बारे में भी बात की, जिसके खिलाफ चार धाम तीर्थस्थल का एक वर्ग विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोई कानून लाती है और लोगों की भावनाएं इसके खिलाफ हैं तो सरकार को उसके प्रावधानों की समीक्षा करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “यह हमारी सरकार द्वारा सही नियत से गठित की गई थी. लेकिन अगर लोगों की भावनाएं इसके खिलाफ हैं, उन्हें भरोसा नहीं है या हम उन्हें समझा नहीं पाए हैं तो भविष्य में यह कामचलाऊ हो जाएगा. हम समझाने की कोशिश करेंगे. लेकिन अगर लोगों की भावनाएं तब भी इसके पक्ष में नहीं रहेगी, तो हम इसकी समीक्षा कर सकते हैं.”