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आतंकवाद पालने वाले सुधर जाएं: UN के मंच से PM मोदी ने पाक को लताड़ा; चीन को चेताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि आतंकवाद पालने वाले सुधर जाएं। क्योंकि जो देश आतंकवाद का राजनीतिक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें समझना होगा, यह उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। अपने संबोधन में मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर दुनिया को आगाह किया। उन्होंने कहा कि विश्व को यह सुनिश्चित करना होगा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए ना हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है। लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों पुरानी परंपरा। इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया। हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं। सैकड़ों बोलियां है, अलग-अलग रहन-सहन और खानपान हैं। यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन के टी-स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था। वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर यूएनजीए को संबोधित कर रहा है।
अपने संबोधन में मोदी ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत जहां अपनी आजादी के 75वें साल में 75 स्वदेश निर्मित उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है, वहीं कुछ देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज विश्व के सामने रूढ़ीवादी सोच और चरपमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है।
अफगानिस्तान मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी और कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न हो। हमें सतर्क रहने की जरूरत है कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई भी देश अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। इस समय अफगानिस्तान की जनता, महिलाओं, अल्पसख्ंयकों आदि को मदद की आवश्यकता है और हमें अपना दायित्व निभाना होगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र को नसीहत भी दी। उन्होंने इसे भारत के मशहूर कूटनीतिज्ञ चाणक्य के विचार के हवाले से समझाया। कहा-चाणक्य ने सदियों पहले कहा था कि जब सही समय पर सही काम नहीं किया जाता तो समय ही उस काम की सफलता को नाकाम कर देता है। इसलिए, संयुक्त राष्ट्र को खुद में सुधार करना होगा। कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को कोविड, आतंकवाद और अफगान संकट ने और गहरा कर दिया है।
अपने संबोधन में मोदी ने चीन पर भी परोक्ष रुप से निशाना साधा। उन्होंने कहा, हमारे समंदर भी हमारी साझी विरासत हैं। इन्हें विस्तार और ताकत के जोर से कब्जा करने से बचाना होगा। दुनिया को एक सुर में आवाज उठानी होगी। सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौर में भारत की पहल इस बारे में इशारा करती है। दरअसल, हिंद और प्रशांत महासागर में चीन रोज नई चालों के जरिए दबदबा बढ़ाने की साजिशें रचता है।
मोदी ने कहा कि भारत का वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म कोविन करोड़ो लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए सर्विस दे रहा है। सेवा परमो धर्मः के कथन पर जीने वाला भारत आज पूरी दुनिया की भलाई में जुटा है। मैं यूएन को बताना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन तैयार कर ली है, जिसे 12 साल से ज्यादा के लोगों को लगाया जा सकता है। भारत के वैज्ञानिक एक आरएनए वैक्सीन बनाने में भी जुटे हैं। भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन उत्पादकों को भी आमंत्रित करता हूं। कम मेक वैक्सीन इन इंडिया।