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यूपी: वाराणसी में बड़े मायूस होकर भदैनी स्थित लोलार्क कुंड से लौटे पुत्रार्थी, अस्सी से तुलसीघाट तक स्नान की दी अनुमति।
वाराणसी। कोविड 19 की गाइड लाइन के अनुसार लगातार दूसरी बार इस वर्ष भी भदैनी स्थित लोलार्क कुंड में स्न्नान व पुत्र -प्राप्ति की मन्नत की लालसा अधूरी रह गयी। देश के विभिन्न प्रान्तों से आये श्रद्धालुओं को उस समय मायूसी हुई जब उन्हें कुंड के पास आकर पता चला कि इस बार भी स्न्नान स्थगित कर दिया गया। कुंड में स्न्नान करने के लिए देर रात तक लोग भदैनी की सड़क से लगायत तुलसीघाट मार्ग पर जमे रहे। बाद में जब भोर में विकल्प के तौर पर गंगा स्न्नान की अनुमति दी गई तब भीड़ वहां से हटी।
बता दें कि स्न्नान के स्थगन की कोई प्रशासनिक घोषणा नहीं की गई थी। आनन-फानन में लोलार्क मंदिर के प्रबंध तंत्र ने मंगलवार की देर रात में स्न्नान के लिए नहीं आने का अनुरोध किया था। गंगा स्न्नान की अनुमति मिलने के बाद भारी संख्या में लोगों ने असि, और तुलसीघाट पर स्न्नान किया। कुछ दंपती ऐसे थे जो भदैनी मुख्य मार्ग और अन्य बैरिकेडिंग स्थल पर शीश नवाकर अगले वर्ष आने की कामना करके आने घर चले गए। कुछ अभी भी स्न्नान की कामना से अस्सी भदैनी स्थित धर्मशालाओं व होटलों में ठहरे हुए हैं कि कम से कम प्रतिबन्ध हटे और वे भगवान लोलारकेश्वर महादेव का दर्शन कर कुंड में स्नान कर लें।
वहीं लोलार्क कुंड में बैरिकेडिंग का खामियाजा शनिवार की देर रात संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र को भुगतना पड़ा। हुआ यूं कि वे मंदिर का दर्शन कर अपने तुलसीघाट स्थित आवास आ रहे थे। भदैनी के पास तुलसीघाट बैरिकेडिंग स्थल पर पुलिस के जवानों ने रोक दिया। महंत परिचय देते रहे लेकिन उनका चार पहिया वाहन नहीं जाने दिया जा रहा था। वे गुस्से में वहां से अपने घर पैदल ही कुछ दूर तक चले गए। बाद में जब किसी बड़े प्रशासनिक अधिकारी ने फोन किया तब उनका वाहन जाने दिया गया।