
UP news
यूपी: एटा में डेंगू, मलेरिया, का फ़ैला कहर, बुखार से चार लोगों की हुई मौत।
एटा। बुखार अब और ज्यादा जानलेवा हो गया है। एक ही दिन में चार लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं, एक किशोर और एक वृद्ध शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें दिनभर गांवों में पहुंचती रहीं और लोगों का उपचार किया तथा सफाई व्यवस्था को भी दुरुस्त कराया। वहीं गांव ओंनघाट में हालात बिगड़ रहे हैं। यहां की रहने वाली 50 वर्षीय सुमन देवी को पहले आगरा ले जाया गया और वहां से भी उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
वहीं इसी गांव की 40 वर्षीय अंगूरी देवी भी बुखार से पीड़ित थीं और उनका पहले एटा में इलाज चला, बाद में आगरा रेफर कर दिया, वहां एक नर्सिंग होम में उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके अलावा जैथरा क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर निवासी 15 वर्षीय सुंदरम को भी यहां से रेफर कर आगरा के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। इस किशोर की भी मौत हो गई। कोतवाली देहात के गांव चमकरी निवासी 56 वर्षीय विमल जैन को रात के वक्त बुखार आया और रविवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्हें मेडिकल कालेज भी लाया गया, मगर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि नूंहखेड़ा में दो बच्चियों की मौत एक दिन पूर्व हो गई थी। बुखार से होने वाली मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के समक्ष अब बीमारी से निपटने के लिए चुनौती खड़ी हो गई है।
बता दें कि ग्राम ओंन, शाहनगर टिमरूआ, उभई असद नगर, सालवाहनपुर, बसुंधरा, नगला समन, नगला सेवक, नगला बीन, पिलुआ, सिकंदरपुर, कसौलिया, पुराव, नूखासपुर, सकीट देहात, नगला अतीत, पिथनपुर, परमसुख, उज्जैपुर, नूंहखेड़ा में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और लोगों का उपचार किया। स्थिति यह है कि गांव-गांव में घर-घर चारपाइयां बिछीं हैं। और रविवार को नौ गांवों में ओपीडी लगाई गई, जिसमें 546 मरीज, कुल कोविड-19 जांच 2215 व्यक्ति, मलेरिया जांच 172 मरीज, कुल डेंगू जांच रेपिड टेस्ट कार्ड 19 मरीज, कुल डेंगू रेपिड टेस्ट कार्ड से संभावित पाजिटिव मरीजों की संख्या 12, सेंपल फार डेंगू एलाइजा टेस्ट 12 मरीज की कार्रवाई की गई।
वहीं जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यदि कोई झोलाछाप इलाज करते हुए पाया जाता है तो उसके संबंध में कंट्रोल रूम नंबर 05742-234320, 234327 पर सूचना दें, उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। वहीं डा. उमेश चंद्र त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी एटा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंच रहीं हैं। हमारी कोशिश है कि हर बुखार पीड़ित को इलाज मुहैया हो सके। इसके साथ ही पंचायतीराज विभाग की टीमें सफाई कार्य की निगरानी के लिए लगाईं गईं हैं क्योंकि मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए सफाई बहुत जरूरी है। अगर किसी भी गांव में कोई बीमारी संबंधी समस्या है तो ग्रामीण तत्काल सूचना दें।