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यूपी: वाराणसी में अनियोजित खोदाई किए जाने की वजह से जाम के झाम से कराहा शहर।
वाराणसी। धर्म व पर्यटन की नगरी काशी में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद यातायात नियंत्रण को लेकर उम्मीदों को जो पंख लगे थे पिछले दो दिनों में उनकी धज्जियां उड़ गईं। नदेसर इलाका सुबह से लेकर रात तक इस कदर जाम कि इस राह से गुजरने वालों के बिगड़ रहे सारे काम। तीसरे दिन मंगलवार को भी नदेसर, मिंट हाउस से लेकर चौकाघाट और अंध्रापुल तक यही झाम रहा। स्कूल या दफ्तर के लिए निकले लोग बाइक और कार-टैंपो की चिल्ल-पों के बीच तल्ख धूप के बीच फंसे रहे। इससे बचने के लिए दूसरी राह पकड़ते तो उधर जाकर जाम और भी जकड़ते।
वहीं जल निगम की ओर से पेयजल व्यवस्था सुचारु करने के नाम पर नदेसर बड़ी मस्जिद के सामने शनिवार रात खोदाई की गई। यहां तक तो ठीक रहा, व्यवस्थाएं दुरूस्त होनी भी चाहिए, इसके लिए थोड़ा कष्ट भी गंवारा हो सकता है, लेकिन कछुए को भी मात देती चाल ने जनजीवन के दैनंदिन कार्यों पर आघात किया। दो दिनों से यह इलाका ही नहीं लगभग वरुणापार को शहर से जोड़ने वाले हर रास्ते पूरी तरह जाम से जकड़े हुए हैं। इससे नौकरी-पेशा, स्कूल-कालेज जाने वाले, दर्द से राहत पाने के लिए अस्पताल के लिए निकले लोगों को सहना पड़ रहा है। जबकि कमिश्नरेट गठन के बाद अफसरों ने प्लान 10 भी लांच किया।
बता दें कि व्यवस्था में यातायात नियंत्रण को बड़ा स्थान दिया गया है। इसके बाद एक छोटे से गड्ढे की खोदाई ने भी उनकी तत्परता, सक्रियता की हकीकत को सामने ला दिया। इससे व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, बनारस में कमिश्नरेट का गठन कोरोना काल के बीच हुआ। इसमें अब तक बनारस की यातायात व्यवस्था से उसका सामना न हुआ। अब जब कि मौसम साफ हो चला है, त्योहार, पर्व-उत्सव के बाद मेला का सीजन शुरू होने जा रहा है। इसमें बनारस ही नहीं लगभग पूरा पूर्वांचल और पश्चिमी बिहार तक बनारस की सड़कों पर पूरी रात घूमता-टहलता नजर आता है। एसे में अब ही यह हाल है तो बड़ा सवाल है कि आगे क्या हाल होगा।