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यूपी: आजमगढ़ जिले में चार माह से लक्ष्य के सापेक्ष अनुपूरक पुष्टाहार की नहीं ही रही आपूर्ति।
आजमगढ़। कुपोषण छोड़ पोषण की ओर, थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर’ स्लोगन के साथ एक सितंबर से 30 सितंबर तक चतुर्थ राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। ग्राम पंचायत और विकास खंड स्तर पर शाक-भाजी, फल के पौधाें का रोपण आंगनबाड़ी केंद्रों एवं सरकारी स्कूलाें और खाली सरकारी भूमि पर किया जाना है। महकमा इसे जमीन स्तर पर कितना सफल बना रहा है यह तो वही जाने लेकिन बाल विकास विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 33,040 पंजीकृत गंर्भवती व धात्री महिलाओं को चार माह से अनुपूरक पुष्टाहार नहीं मिला पा रहा है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता कि गर्भवती व धात्री महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए शासन, प्रशासन व महकमा कितना गंभीर है।
वहीं जिले के 22 ग्रामीण और एक शहरी बाल विकास परियोजना के अंतर्गत कुल 110,927 गर्भवती व धात्री महिलाएं पंजीकृत हैं, लेकिन पिछले चार माह से मात्र 77,997 महिलाओं को ही अनुपूरक पुष्टहार की आपूर्ति हो रही है। योजना के तहत गभर्वती व धात्री महिलाओं के लिए ग्राम, ब्लाक व जनपद स्तर पर बाल विकास विभाग की माध्यम से रेपिसी प्रतियोगिता का आयोजन आठ सितंबर से 15 सितंबर तक किया जाना है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं और बालिकाओं का वजन, स्वास्थ्य जांच के टीकाकरण, गृह आधारित गोद भराई का आयोजन किया जाना है। पंचायती राज विभाग के सहयोग से वाश-डे व साफ-सफाई, स्वच्छता का पाेषण से संबंध एवं जागरूकता, एनीमिक गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग और पोषण परामर्श शामिल है। इसकी वजह से सेहत के मोर्चे पर चुनौती अधिक बनी हुई है।
बता दें कि गर्भवती व धात्री महिलाओं को अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति स्वयं सहायता समूहों के माध्यम की जा रही है। पिछले लगभग चार माह से लक्ष्य के सापेक्ष आपूर्ति नहीं हो रही है। इस संबंध में डीसी एनआरएलएम को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।