Headlines
Loading...
यूपी: चंदौली जिले में रेल ट्रैक से तीन मीटर गहराई से बहेगी प्राकृतिक गैस, घरों में पहुंचेगी गेल की गैस।

यूपी: चंदौली जिले में रेल ट्रैक से तीन मीटर गहराई से बहेगी प्राकृतिक गैस, घरों में पहुंचेगी गेल की गैस।


चंदौली। घर घर प्राकृतिक गैस पहुंचाने का जिम्मा उठाने वाली गेल गैस लिमिटेड का अगर रेलवे ने साथ दिया तो अक्टूबर माह तक रेल कालोनियों में प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन बिछनी शुरू हो जाएगी। साथ ही पीडीडीयू नगर के कैलाशपुरी, रविनगर, पटेल नगर, चतुर्भुजपुर सहित आधा दर्जन से अधिक कालोनियों के तीन हजार घरों में प्राकृतिक गैस पहुंच जाएगी। गैस पाइप लाइन बिछने के बाद इसका सीधा लाभ गृहणियों की बचत पर होगा। आधी आबादी को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए गेल गैस लिमिटेड ने योजना बना रखी है। 

वहीं इसके लिए गेल गैस लिमिटेड को लगभग आधा किलोमीटर में फैले रेलवे ट्रैक व यार्ड को पार करना होगा। इस काम के लिए गेल गैस लिमिटेड ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय से अनुमति मांगी है। अगर अनुमति मिल जाएगी तो दो महीने में ही प्राकृतिक गैस से चूल्हें जलने लगेंगे, अन्यथा लिमिटेड चहनियां, सकलडीहा होते हुए अलीनगर, इंडस्ट्रियल एरिया होते हुए रामनगर, पड़ाव, चंधासी होते हुए नगर में पाइपलाइन बिछा सकेगी। इस काम को पूरा करने में लंबा समय भी लग सकता है।

बता दें कि चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र, चुनार सहित अन्य जनपदों में प्राकृतिक गैस : गैस पहुंचाने के लिए चहनियां में प्लांट बनाया गया है। यहीं से हर जनपदों में गैस की सप्लाई होनी है। गेल गैस लिमिटेड ने चहनियां, सकलडीहा होते हुए ताराजीवनपुर में काम पूरा कर लिया है। कम समय लगेगा इसके लिए लगभग तीन मीटर नीचे से पीडीडीयू रेलवे यार्ड से गैस पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव रखा गया है। यार्ड से नगर में आने के लिए गेल गैस लिमिटेड को लगभग आधा किलोमीटर में फैले रेलवे ट्रैक का पार करना है। रेलवे ट्रैक के पीलर से कुछ कदम पीछे होकर तीन मीटर की गहराई से रेल पटरी के नीचे से नगर में पाइप लाइन आ जाएगी। अभी गेल की पाइप बिछाने का काम अलीनगर तक पहुंच गया। डीएफसीसी रेल लाइप के समीप से पाइप बिछाई जानी है। 

वहीं यह पाइपलाइन इंडियन इंस्टीच्यूट कालोनी में चहनियां-भूपौली मार्ग के समीप या जीटीआर ब्रिज के इस पार निकलेगी। फिर से यहां से कालोनियों सहित वार्डों में प्राकृतिक गैस की सप्लाई शुरू हो जाएगी। अगर रेलवे ने गेल गैस लिमिटेड का साथ दिया तो अक्टूबर के अंत तक आधी आबादी को प्राकृतिक गैस का लाभ मिलने लगेगा। कहीं रेलवे रोड़ा बनती है तो रेलकर्मियों के आवास तक विलंब से गैस तो पहुंचेगी ही नगरवासियों को भी लाभ लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

वहीं तीन हजार घरों में हो चुका है कनेक्शन पीडीडीयू नगर के कैलाशपुरी, रविनगर, पटेल नगर, चतुर्भुजपुर सहित अन्य वार्डों में पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। तीन हजार घरों को कनेक्शन देने के साथ ही मीटर भी लगा दिया गया है। अगर यार्ड से मेन पाइप लाइन गुजर जाती है तो इन लोगों के घरों में तत्काल प्राकृतिक गैस सेचूल्हें जलने लगेंगे। वहीं रेलवे कालोनी के इंडियन इंस्टीट्यूट, सेंट्रल कालोनी, लोको कालोनी, यूरोपियन कालोनी में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद रेलकर्मियों को भी गैस मिलने लगेगी।

बता दें कि रेल परिचालन पर नहीं होगी बाधा, काम हो जाएगा पूरा यार्ड में बिछी रेल पटरी को पार करने में किसी तरह की कोई बाधा भी नहीं होगी। न ही रेल परिचालन पर असर पड़ेगा और न ही किसी तरह का ब्लाक लेना होगा। रेलवे अपना काम करती रहेगी और गेल गैस लिमिटेड अपना। आधा किलोमीटर में फैले यार्ड के एक व दूसरे किनारे पर एक बड़ा सा गड्ढा किया जाएगा। इसके बाद तीन मीटर गहराई से आरिजेंटल डायरेक्शनल ड्रिलिंग मशीन के जरिए एक गड्ढे से नीचे पहुंचते हुए दूसरे छोर पर निकलेगा। अंदर अंदर ही पाइप लाइन ले जाने के लिए सुरंग बना ली जाएगी। इसके बाद आसानी से पाइप गुजर जाएगी। इस कार्य को पूरा करने में अधिक समय भी नहीं लगेगा।

कर्ण सिंह, उप महाप्रबंधक, गेल गैस लिमिडेट के अधिकारी ने बताया कि यार्ड से पाइप लाइन गुजारने के लिए रेलवे से अनुमति मांगी गई है। समय से काम पूरा हो जाता है तो अक्टूबर तक प्राकृतिक गैस से चूल्हे जलने लगेंगे।