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यूपी: वाराणसी जिले के तहसील राजातालाब अभिलेखागार में गांवों के नक्शे नहीं पब्लिक परेशान, अफसर हुए हैरान।

यूपी: वाराणसी जिले के तहसील राजातालाब अभिलेखागार में गांवों के नक्शे नहीं पब्लिक परेशान, अफसर हुए हैरान।

                                  आदित्य केशरी रिपोर्टर।

वाराणसी। कलेक्ट्रेट व तहसील के अभिलेखागार में कुछ आराजी नम्बर के नक्शे न होना, गायब होना आम बात है लेकिन पूरे गांव का नक्शा न होना , यह तो समझ से परे है। ग्रामीणों की एक ऐसी ही शिकायत तहसील राजातालाब की है। ग्रामीणों का कहना है कि न चकबन्दी हुई, न ही नक्शे हैं। इसकी वजह से जमीनों का क्रय विक्रय संभव नहीं हो पाता। इसके अलावा एक दूसरे की जमीन हड़पने की भी होड़ लगी है। पैमाइश के आवेदन पर सुनवाई तक नहीं होती है।

वहीं इसी तरह की एक शिकायत को एसडीएम राजातालाब ने गंभीरता से लेते हुए अपर जिलाधिकारी प्रशासन को पत्र लिखा है। एसडीएम राजातालाब ने पत्र में लिखा है कि तहसील राजातालाब के ग्राम शहवाबाद व बाजार कालिका का नक्शा न लेखपाल के पास है , नही अभिलेखागार में है। बहरहाल, नक्शे कलेक्ट्रेट में ढूढे जा रहे है। यह सिर्फ राजातालाब ही नही अन्य तहसील यानी सदर, पिंडरा में भी कई गांव के नक्शे नहीं हैं । पब्लिक शिकायत करते करते थक जा रही है लेकिन इस बाबत कोई मुक्कमल इंतजाम नहीं हो रहे हैं। इससे सिर्फ पब्लिक को ही परेशानी नहीं हो रही है, अधकारियों को भी सफर करना पड़ रहा है। तमाम सरकारी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। तहसील कोर्ट में लंबित मामले की सुनवाई तक प्रभावित हो रही है।

बता दें कि गांवों में चकबन्दी सही ढंग से न होने के कारण सर्वाधिक परेशानी हो रही है। बताया जा रहा है कई गांवों में चकबन्दी शुरू हुई तो विरोध व कोर्ट में मामला जाने के कारण रुक गई। ये मामले अब तक निस्तारित नहीं हुए । लिहाजा गांवो का नक्शा भी सही ढंग से तैयार नहीं हो सका। गांवों में जमीन के मामले में विवाद बढ़ने की मूल वजह चकबन्दी सही से न होना बताया जा रहा है। बहुतायत किसान जमीन पर खेती कर रहे है पर दस्तावेज नहीं। जैसे ही जोत बन्द होती है दूसरा उसे जोतने लगता है। उसके बाद जमीन पर दावा करने लगता है।