लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी आरक्षण को लेकर बुधवार को एक अहम फैसला लिया है. जिसके तहत अब ओबीसी आरक्षण की सूची में कोई टाइटल नहीं लिखा जाएगा. ओबीसी आरक्षण सूची में मूल जाति का नाम लिखा जाएगा. पिछड़ा वर्ग आयोग के इस फैसला के बाद अब ओबीसी सूची में कोई सरनेम यानी वर्मा, शाह, अलवी आदि नहीं अंकित किया जाएगा. आरक्षण सूची में मूल जाति अंकित की जाएगी. सरनेम के आधार पर सूची में किसी तरह का डिस्क्रिपशन नहीं होगा.
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी आरक्षण सूची को लेकर यह निर्देश संबंधित अधिकारियों को भेज दिया है. साथ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि सरकारी विभागों में, सार्वजनिक उपक्रमों में और निगमों में होने वाली आउटसोर्सिंग भर्ती में भी किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आयोग ने सख्त निर्देश देते हुए एक्शन लेने को कहा है.
आयोग ने बुधवार को यह भी निर्देश दिया कि यदि कोई अधिकारी ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करता है तो उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं आयोग ने यह भी कहा है कि इसको लेकर उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा.
ओबीसी समुदाय के लोग आरक्षण को लेकर पिछले कई दिनों से लागातार अपनी मांगे उठा रहे हैं. इसी को लेकर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने फैसला दिया है. इतना ही नहीं जल्द होने वाले जनगणना को जातिगत कराने की मांग भी तेज हुई है. यूपी विधानसभा चुनाव में आरक्षण और जातिगत जनगणना का मुद्दा गर्मा सकता है. सभी राजनीतिक दल जातिगत जनगणना को लेकर सियासी खेल रच सकते हैं. वहीं ओबीसी की इस सूची से यूपी विधानसभा चुनाव में समीकरण भी बदल सकते है.