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यूपी: गोरखपुर राजधानी एक्‍सप्रेस के एक कदम और करीब व‍िश्‍व का सबसे बड़ा प्‍लेटफार्म, रेलवे प्रशासन ने बोर्ड को भेजा पत्र।

यूपी: गोरखपुर राजधानी एक्‍सप्रेस के एक कदम और करीब व‍िश्‍व का सबसे बड़ा प्‍लेटफार्म, रेलवे प्रशासन ने बोर्ड को भेजा पत्र।


गोरखपुर। पूर्वांचल के प्रमुख धार्मिक, ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र और उभरती अर्थव्यवस्था वाले पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर से राजधानी सहित देश की प्रमुख ट्रेनों वंदे भारत, शताब्दी और दूरंतो को चलाने की दैनिक जागरण की मुहिम को पंख लग गए हैं। जन प्रतिनिधियों और रेलवे कर्मचारी संगठनों के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी मीडिया के मुहिम का समर्थन करते हुए गोरखपुर से राजधानी, वंदे भारत और दूरंतो एक्सप्रेस चलाने के लिए रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है। गए पत्र के माध्यम से रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर रूट पर राजधानी सहित प्रमुख ट्रेनों की जरूरत बताते हुए बोर्ड से सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया है। उधर, सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने भी कहा है क‍ि वे गोरखपुर से राजधानी के ल‍िए रेल मंत्री से बात करेंगे।

वहीं रेलवे प्रशासन ने बोर्ड को सिर्फ पत्र ही नहीं लिखा है, बल्कि बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा करीब 425 किमी मुख्य रेलमार्ग का ट्रैक भी मजबूत कर लिया है। अब इस ट्रैक पर भी राजधानी और वंदे भारत जैसी प्रमुख ट्रेनें फर्राटा भर सकती हैं। फिलहाल, मीडिया के मुहिम को रेलवे प्रशासन का समर्थन मिलने के साथ ही गुरु गोरक्षनाथ की धरती पर राजधानी व वंदे भारत जैसी ट्रेनों के चलने की आस जग गई है। दरअसल, यात्री प्रधान और पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय होने के बाद भी गोरखपुर उपेक्षित ही रहा है। 100 किमी प्रति घंटा होने के बाद भी वाराणसी-बलिया-छपरा रूट पर राजधानी एक्सप्रेस चल रही है। वहीं, बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रूट 110 से 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के लायक बनने के बाद भी देश की प्रमुख ट्रेनों का इंतजार कर रहा है।

बता दें कि अब तो पूर्वांचल का प्रमुख शहर गोरखपुर विकास के नए सोपान भी तय करने लगा है। एम्स, मेडिकल कालेज, फर्टिलाइजर के अलावा गीडा में बन रहे गारमेंट हब के चलते गोरखपुर भी भारत के तीव्र गति से विकसित होने वाले शहरों की श्रेणी में आ गया है। रामायण और बौद्ध सर्किट होने के चलते देश और विदेश से रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचने लगे हैं। तीन विश्वविद्यालय हैं। एक और विश्वविद्यालय की नींव पड़ गई है। गोरखपुर के रास्ते ही लोग काठमांडू तक की यात्रा पूरी करते हैं।

वहीं इसके बाद भी इस रूट पर देश की एक भी प्रमुख ट्रेन नहीं चलती है। जहां गोरखपुर और बस्ती मंडल की दो करोड़ से अधिक की आबादी सहित बिहार, पड़ोसी देश नेपाल के लोगों, जनप्रतिनिधियों, पर्यटकों और बड़े उद्यमियों को राहत देने के उद्देश्य से हमें चाहिए राजधानी मुहिम चला रहा है। मुहिम के तहत आमजन के अलावा पर्यटकों की समस्याओं को भी प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है।

वहीं पंकज कुमार स‍िंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन से होकर राजधानी, वंदे भारत और दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए जन प्रतिनिधिगण एवं कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा मांगपत्र प्राप्त हुए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा इन मांग पत्रों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा गया है।