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यूपी: वाराणसी की अनमोल मिर्च से और तेज होगा सब्जी का तड़का, किसानों की आमदनी में होगा इजाफा।

यूपी: वाराणसी की अनमोल मिर्च से और तेज होगा सब्जी का तड़का, किसानों की आमदनी में होगा इजाफा।


वाराणसी। जिले ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के लिए अब सब्जी की खेती करने वाले किसान और उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान आइआइवीआर शहंशाहपुर वाराणसी में विकसित काशी अनमाेल प्रजाति की मिर्च, काशी तरु प्रजाति का बैगन और काशी अमन प्रजाति के टमाटर की खेती से किसानों की आय दोगुनी होगी। इसके साथ ही रसोई घर में भोजन का जायका भी बढ़ जाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा वर्ष 2011 में विकसित उच्च प्रजातियों के बीज मंगाकर तैयार कराए हैं, जिसे रबी वर्ष 2020-21 में सरकारी दर 50 रुपये सैकड़ा पर विक्रय किया जाएगा।

वहीं काशी अनमोल प्रजाति के मिर्च का छिलका मोटा और रंग गाढ़ा हरा होता है। सामान्य मिर्च से इसमें तीखापन ज्यादा होता है। 200 से 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है। रोपाई के 75 से 80 दिन बाद तोड़ाई की जा सकती है। 450 से 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। यह विटामिन एवं खनिज लवणों का स्रोत है। इसमें विटामिन ए और सी भरपूर होती है।

वहीं काशी तरु प्रजाति का बैगन का फल लंबा, चमकीला व गहरे बैगनी रंग का होता है। फल में बीज की कम होता है। इसलिए उपभोक्ता इसे अधिक पसंद करते हैं। रोपाई के 70 से 75 दिन बाद तोड़ाई को फल तैयार हो जाते हैं। वहीं काशी अमन प्रजाति का टमाटर मोटा छिलका, जूस कम और अधिक गूदा वाला होता है। बाेआई के 75 से 80 दिन में फसल तैयार हो जाती है। अमन चार डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर हर मौसम में पैदा होगा। जलभराव वाले क्षेत्रों में भी यह फले एवं फूलेगा। प्रति एकड़ 200 क्विंटल पैदावार होने से आय अधिक होती है।

बता दें कि काशी अनमोल प्रजाति की हरी मिर्च, काशी तरु बैगन व काशी अमन प्रजाति के टमाटर उत्पाद की खासियत है कि इसमें रोग रोधी गुण होते है। मोटा छिलका होने से यह परिवहन के दौरान खराब नहीं होता है। काफी दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। वहीं किसानों व उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त हरी मिर्च, बैगन व टमाटर उपलब्ध कराने को आइआइवीआर वाराणसी के विज्ञानियों से संपर्क कर बीज मंगा लिए गए हैं। किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र से सरकारी दर पर बीज बिक्री किया जाएगा।