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यूपी: चंदौली जिले के धीना थाना अंतर्गत एक युवक को पब्जी खेलने से मना किया तो ट्रेन के सामने कूदकर दे दी जान।

यूपी: चंदौली जिले के धीना थाना अंतर्गत एक युवक को पब्जी खेलने से मना किया तो ट्रेन के सामने कूदकर दे दी जान।

                                     किरण यादव रिपोर्टर।

चंदौली। धीना थाना के इमिलिया गांव निवासी कुतुबुद्दीन 25 वर्षीय ने गुरुवार की रात डैना गांव के पास ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिवार के लोगों ने रात्रि में उसे इंटरनेट गेम पब्जी खेलने से मना किया तो उसने यह कदम उठा लिया। बेटे की मौत से स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद इस रूट की राजधानी एक्सप्रेस विलंब से रवाना हुई।

बता दें कि मोहम्मद इस्माइल का पुत्र कुतुबुद्दीन रात में मोबाइल पर पब्जी गेम खेल रहा था। स्वजन ने उसे कई बार मना किया लेकिन वह नहीं माना। बाद में पिता ने उसे डांट दिया तो वह नाराज होकर घर से निकल गया। परिवार के लोग उसे इधर-उधर ढूंढते हुए रेलवे ट्रैक की तरफ पहुंचे तो उसका क्षत-विक्षत शव मिला। इधर, इस घटना के बाद राजधानी एक्सप्रेस भी रुकी रही। युवक के ट्रेन से कटने की जानकारी भागलपुर-अजमेर ट्रेन के चालक ने स्टेशन मास्टर जितेंद्र कुमार को दी। सूचना पर स्टेशन मास्टर कर्मियों संग वहां पहुंचे और शव को ट्रैक से किनारे हटवाया। इससे राजधानी एक्सप्रेस 23 मिनट बाद वहां से रवाना हुई। 

वहीं थानाध्यक्ष अतुल कुमार ने बताया कि युवक पब्जी गेम का लती था। परिवार के लोगों के खेलने से मना करने पर उसने यह कदम उठाया। यह गेम सोचने समझने की क्षमता कर देता है पं. केपी त्रिपाठी राजकीय पीजी कालेज के सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर व मनोवैज्ञानिक डा. त्रिलोकीनाथ गुप्ता ने कहा कि पब्जी गेम पर सरकार ने पूर्व में प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन कुछ ढील होते ही युवा व बच्चे फिर से इसे खेलने लगे। यह खेल ऐसा नशा है जो दिमाग को पूरी तरह से फेल कर देता है। 

बता दें कि गेम खेलने वाला यह सोचता है कि वह जो कर रहा है वही सही है, किसी के समझाने का उस पर असर नहीं होता। इस गेम में ऐसी कड़ियां हैं जिनमें व्यक्ति फंसता चला जाता है। एक गेम पूरा होता नहीं कि दूसरे में रहस्य और गहरा जाता है। उसकी सोचने की क्षमता क्षीण हो जाती है। यह दिमाग को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। इसके लिए अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।