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यूपी: वाराणसी में विश्वनाथ धाम की खूबसूरती के लिहाज से जलासेन घाट का पंप भूमिगत करने की दिशा में चल रहा काम।
वाराणसी। गंगा निर्मलीकरण के लिए 80 के दशक में गंगा एक्शन प्लान बना था। बनारस से इसकी शुरुआत हुई थी। इसके तहत गंगा में गिर रहे शाही नाले के पांच ब्रांच लाइनों को बंद किया गया। इसके सीवेज को लिफ्ट कराने के लिए पांच पंप लगाए गए, तब से पांच घाटों पर तने खड़े ये पंप गंगा किनारे की धरोहरों के लिए दाग बने हुए हैं।
वहीं बीते वर्ष जब श्रीकाशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट आकार लेने लगा तो जलासेन घाट पर लगा यह पंप भूमिगत करने का खाका खींचा गया। इस दिशा में कारिडोर की कार्यदायी एजेंसी के निर्देशन में काम शुरू कर दिया गया है। बस कुछ ही दिन और जब जलासेन घाट पर तन कर खड़ा लिफ्टिंग पंप अंडर ग्राउंड हो जाएगा और कारिडोर का भव्य स्वरूप निखर कर सामने आएगा। खास यह कि नई तकनीक के इस्तेमाल से पंप की कार्य क्षमता पर भी कोई प्रभाव नहीं आएगा। शहर से निकलने वाला सीवेज पंप कर सीधे दीनापुर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट चला जाएगा। इसी तरह अन्य चार घाटों पर बने पंप को भी भूमिगत किया जा सकता है।
1. हरिश्चंद्र घाट, 2. डा. राजेंद्र प्रसाद घाट, 3. जलासेन घाट, 4. मानसरोवर घाट, 5. त्रिलोचन घाट,
वहीं पेयजल व सीवेज योजनाओं को एक-एक कर जनोपयोगी बनाने में लगे परियोजना प्रबंधक एसके बर्मन का मानना है कि यह दुलर्भ कार्य नहीं है। हां, यह जरूर है कि इसके लिए मुकम्मल प्रोजेक्ट बने। विभाग के पास जलासेन घाट पर भूमिगत होने की दिशा में आगे बढ़ रहा लिफ्टिंग पंप नजीर है। परियोजना प्रबंधक के अनुसार इसके लिए घाट किनारे थोड़ी जमीन चाहिए। सीवर लाइन के लेवल में इंटेकबेल तो घाट पर ही बनेगा लेकिन किनारे यदि जमीन मिल जाएगी तो उसमें पंप को शिफ्ट किया जा सकता है।