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कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह, जो अब बने उत्‍तराखंड के नए राज्‍यपाल

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह, जो अब बने उत्‍तराखंड के नए राज्‍यपाल

उत्तराखंड । लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह को कुछ हफ्तों पहले उत्‍तराखंड के राज्‍यपाल नियुक्‍त करने का ऐलान किया गया था. बुधवार को उन्‍होंने इस पद की शपथ ली है. ले. जनरल गुरमीत को लोगों ने कई बार टीवी चैनल पर आने वाली बहस में देखा है. वह भारतीय सेना के उप-प्रमुख रहे हैं. जब उत्‍तराखंड की राज्‍यपाल बेबी रानी मौर्या ने अपना इस्‍तीफा सौंपा तो राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से पूर्व जनरल को इस पद पर नियुक्‍त करने का फैसला लिया. आइए आपको बताते हैं कि ले. जनरल गुरमीत कौन हैं और सेना के लिए उनका योगदान क्‍या है.


बतौर उप-सेना प्रमुख ले. जनरल गुरमीत सिंह फरवरी 2016 में सेना से रिटायर हुए हैं. वो मंगलवार को ही उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंच चुके हैं. ले. जनरल गुरमीत को एक ईमानदार और अपनी ड्यूटी के लिए समर्पित रहने वाला ऑफिसर माना जाता है. रिटायर होने से पहले उन्‍होंने कई अहम पदों पर सेवाएं दी हैं. वो जिन पदों पर रहे हैं उनमें डिप्‍टी आर्मी चीफ के अलावा एडजुटेंट जनरल (AG) और XV कोर के कमांडर का पद शामिल है. यही वो कोर है जो कश्‍मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षा व्‍यवस्‍था की जिम्‍मेदारी संभालती है. ले. जनरल गुरमीत सिंह इस समय देश के इकलौते सिख राज्‍यपाल हैं. वो इंडियन आर्मी के सबसे प्रतिष्ठित ऑफिसर्स में शामिल रहे हैं.



ले. जनरल गुरमीत सिंह के पास चीन से निपटने का भी अनुभव है. उन्‍होंने चीन से जुड़े ऑपरेशनल मुद्दे और मिलिट्री रणनीति के मुद्दों को बतौर एडीशनल डायरेक्‍टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (ADGMO) रहते हुए करीब से देखा है. इस पद के दौरान उन्‍हें सात बार चीन का दौरा करने का मौका मिला. साथ ही उन्‍होंने LoC पर बॉर्डर की गतिविधियों से जुड़ी कई मिलिट्री-डिप्‍लोमैटिक मीटिंग्‍स में भी शिरकत की है. ले. जनरल गुरमीत को असम रेजीमेंट में कमीशन मिला था. वो कपूरथला स्थित सैनिक स्‍कूल के छात्र रहे हैं.


ले. जनरल गुरमीत सिंह डिफेंस सर्विसेज स्‍टाफ कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज से ग्रेजुएट हैं. उनके पास एम.फिल की दो डिग्रियां भी हैं जिसमें से एक चेन्‍नई यूनिवर्सिटी और दूसरी इंदौरी यूनिवर्सिटी से है. इसके अलावा वो जेएनयू स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ चाइनीज स्‍टडीज में भारत-चीन सीमा मुद्दों पर रिसर्च भी कर रहे हैं. सेना से मिली स्‍टडी लीव के दौरान उन्‍होंने सभी डिग्रियां हासिल कीं.

ले. जनरल गुरमीत के पास सेना में 36 साल तक सेवा देने का अनुभव है. वो जम्‍मू कश्‍मीर में काउंटर टेररिज्‍म ऑपरेशंस के पारखी हैं. साथ ही साथ नॉर्थ ईस्‍ट को भी काफी बेहतरी से समझते हैं. जाफना वॉर के समय वो श्रीलंका में भी तैनात रहे हैं. इंटेलीजेंस के मसलों को भी वो काफी बेहतरी से समझते हैं.