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यूपी: चंदौली जिलें में क्रेता को स्टांप वेंडर से ई-स्टांप की गड़बड़ी में अगले 24 घंटे में दुरुस्त होगी शिकायत।
चंदौली। स्टांप के नाम पर धांधली को रोकने के लिए शासन ने अब ई-स्टांप प्रणाली शुरू की है। इसमें तमाम तरह की दिक्कतें भी आ रही हैं। आवेदन में त्रुटि की वजह से गलत ई-स्टांप प्रिंट हो जा रहे। हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं। यदि क्रेता तत्काल इसकी शिकायत स्टांप वेंडर से करे तो त्रुटि सुधारी जा सकती है। एक सप्ताह तक सहायक निरीक्षक निबंधन से शिकायत कर ई-स्टांप की गड़बड़ी दुरुस्त कराई जा सकती है। इसके बाद त्रुटि सुधार का मौका नहीं मिलेगा। क्रेता को 10 फीसद कटौती के साथ रिफंड लेकर दोबारा आवेदन कर ई-स्टांप खरीदना होगा। ई-स्टांप के लिए जिले में दो दर्जन से अधिक वेंडरों को लाइसेंस दिया गया है।
वहीं फर्जी स्टांप का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा था। स्टांप के नाम पर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले जालसाजों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने अब ई-स्टांप का प्रविधान किया है। ई-स्टांप का प्रयोग जमीन की रजिस्ट्री में किया जा रहा। लाखों रुपये मालियत का ई-स्टांप मात्र एक पन्ने पर जारी किया जा रहा है। इसके लिए जरूरतमंदों को आवेदन करना होता है। दरअसल, लोग आवेदन करते समय कुछ त्रुटियां कर देते हैं। इसकी वजह से स्टांप पर सूचनाएं भी गलत अंकित हो जाती हैं। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। रोजाना ऐसे मामले सामने आते हैं। जानकारी के अभाव में लोगों को भटकना पड़ता है। हालांकि ई-स्टांप जारी होने के एक सप्ताह के अंदर तक इसे दुरूस्त कराया जा सकता है। इसके लिए स्टांप वेंडर से शिकायत कर सूचित करना होगा। वेंडर तत्काल संशोधन कर देंगे।
बता दें कि ई-स्टांप की मूल कापी निकालने से पहले स्टांप वेंडर की ओर से इसकी नकल निकालकर जांचने के लिए क्रेता को दी जाती है। यदि क्रेता सही ढंग से इसे पढ़कर त्रुटियों को संशोधित करा ले तो पहली बार में ही ई-स्टांप सही निकलेगा। उसे बार-बार परेशान होने की जरूरत ही नहीं होगी।
वहीं ई-स्टांप के लिए आवेदन करते समय लोग सही ढंग से अपनी डिटेल भरें और नकल कापी को जांच ले। इससे गलती की आशंका नहीं रहेगी। यदि कोई गलती हो भी जाती है तो इसे स्टांप वेंडर से तत्काल दुरुस्त कराया जा सकता है। वहीं 24 घंटे के बाद सहायक निरीक्षक निबंधन के यहां प्रार्थना पत्र देकर त्रुटि संशोधित कराई जा सकती है। एक सप्ताह बाद सिर्फ रिफंड का रास्ता बचता है।