नई दिल्ली । केंद्र सरकार के ओर से बीएसएफ के सुरक्षा चक्र के दायरे को पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब के इलाकों में 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने को लेकर प्रदेश में सियासी बवाल क्यों मचा है और इससे पंजाब पुलिस के अधिकारों पर क्या असर पड़ेगा? दरअसल, अब तक बीएसएफ बॉर्डर इलाकों में किसी भी तरह का सर्च ऑपरेशन या गिरफ्तारी अभियान पंजाब पुलिस की जानकारी में लाकर ही चलाती थी, लेकिन सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (Border Security Force Act 1968) की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सीमा से लगे इलाकों के ‘शेड्यूल’ को संशोधित किया है, जहां BSF के पास पासपोर्ट अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसे अधिनियमों के तहत अब सीमा से सटे 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्तियां होंगी. बीएसएफ को CRPC, (Passport Act and Passport Entry to India Act) के तहत ये करवाई करने का अधिकार दिया गया है, यानि कि अब पंजाब के सीमा से लगते 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ किसी भी तरह का सर्च ऑपरेशन, रेड, गिरफ्तारियां या फिर मामले दर्ज करने के लिए स्वतंत्र है और उन्हें पंजाब पुलिस को ना तो सूचित करना होगा और ना ही उनसे किसी भी तरह की इजाजत लेनी होगी.
यहां तक कि किसी भी तरह की रेड करने के लिए बीएसएफ को मजिस्ट्रेट से भी परमिशन या वारंट लेने की जरूरत नहीं होगी. केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद पंजाब का अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का जिलों और अन्य कई किलोमीटर का शहरी इलाका भी सीधे बीएसएफ की पहुंच में रहेगा. अब बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर 50 किमी के दायरे में संदिग्धों को गिरफ्तार करने के साथ सर्च अभियान चला सकती है और जब्ती कार्रवाई भी कर सकती है.
बीएसएफ यहां पर कोई भी जानकारी मिलने पर या आशंका होने पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी, जबकि इससे पहले ऐसा नहीं था और किसी भी तरह की सूचना मिलने पर कार्रवाई के लिए बीएसएफ को पंजाब पुलिस को जानकारी देनी होती थी और पंजाब पुलिस की टीम को साथ रखना होता था. पंजाब पुलिस हमेशा से ये दावा करती रही है कि पंजाब में पाकिस्तान से सटे तमाम इलाकों में फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस पर अगर बीएसएफ तैनात है तो सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस पर पंजाब पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन अब इस कथित सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस का पूरा इलाका सीधे बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गया है.
अब इस आदेश के बाद बीएसएफ की पहुंच बॉर्डर से सटे कई शहरी इलाकों में सीधे तौर पर हो जाएगी, जबकि इससे पहले सिर्फ बॉर्डर से सटे ग्रामीण इलाकों में ही बीएसएफ की कानूनी पहुंच हुआ करती थी यानि अब पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब के 50 किलोमीटर के इलाकों में अगर पंजाब पुलिस कोई नाका लगाकर जांच कर रही है तो उसके बगल में बीएसएफ भी अपना अलग से नाका लगाकर जांच या सर्च ऑपरेशन चला सकती है. केंद्र सरकार के इस आदेश के पीछे पंजाब में लगातार पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से भेजी जा रही हथियारों, टिफिन बम, हैंड ग्रेनेड और कारतूसों की बड़ी खेप को माना जा रहा है.
पिछले कुछ महीनों में ड्रोन के माध्यम से जो हथियार पंजाब में भेजे गए उनका इस्तेमाल बॉर्डर से सटे 50 से 60 किलोमीटर के दायरे में करने की कोशिश भी हुई है इसी वजह से केंद्र सरकार के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है. कई मौकों पर पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में पंजाब पुलिस की ड्रग तस्करों के साथ मिलीभगत होने के आरोप भी लगते रहे हैं.
पंजाब की राजनीतिक पार्टियों को इसी बात को लेकर दिक्कत है कि ऐसे में पंजाब के कई जिलों में बीएसएफ के माध्यम से केंद्र सरकार का सीधा कंट्रोल रहेगा और इन इलाकों में सीधे तौर पर कोई भी कानूनी कार्रवाई करने के लिए बीएसएफ पूरी तरह से स्वतंत्र होगी. इसी वजह से तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता एकजुट हो गए हैं और सीधे तौर पर केंद्र सरकार के इस आदेश को देश के फेडरल सिस्टम पर हमला करार दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार पंजाब पर इन-डायरेक्ट-वे से राज करने की कोशिश कर रही है.