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कैप्टन अमरिंदर का कांग्रेस पर सियासी हमला, कहा- मेरे समर्थकों को धमका रहे, लेकिन ऐसे न तो वोट जीत पाएंगे न ही दिल
नई दिल्ली । पंजाब की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने नई पार्टी शुरू करने की बात कही है. इसे लेकर अब कांग्रेस में भी हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच कैप्टन ने सत्ताधारी पार्टी पर पटियाला और अन्य जगहों पर अपने समर्थकों को डराने और धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने विरोधी पार्टी पर इसे लेकर तीखा हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि विरोधी जो भी कर लें, लेकिन वह मुझे ऐसे घटिया राजनीतिक खेल से हरा नहीं पाएंगे. जो लोग मेरे साथ हैं, वह मेरे साथ ही रहेंगे, क्योंकि वह पंजाब में शांति और डेवलपमेंट पर विश्वास करते हैं. हम इस तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. हम पंजाब के भविष्य के लिए लड़ाई जारी रखेंगे. व्यक्तिगत हमलों से लेकर अब वे पटियाला और अन्य जगहों पर मेरे समर्थकों की धमकियों और उत्पीड़न तक पहुंच गए हैं. मैं अपने प्रतिद्वंद्वियों को बता दूं कि वे मुझे इतने निचले स्तर के राजनीतिक खेल से नहीं हरा सकते. इस तरह के हथकंडे से वे न तो वोट जीतेंगे और न ही लोगों का दिल जीतेंगे.’ अमरिंदर का यह बयान उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट किया है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं. बता दें कि पीपीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने दावा किया कि कोई भी कांग्रेस विधायक कैप्टन के खेमे में शामिल नहीं होगा, सिवाय उन लोगों के जिन्हें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री से समर्थन मिला हो. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर के लिए सबसे अच्छा विकल्प यह है कि वह अपनी पार्टी बनाने के बजाय शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में शामिल हो जाएं.2022 के विधानसभा चुनावों से पहले, कैप्टन अमरिंदर ने हाल ही में कहा था कि अगर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध को हल किया जाता है, तो बीजेपी के साथ गठबंधन होना तय है.
कैप्टन खेमे से जो जानकारी मिल रही है, उसमें अमरिंदर एकदम से कांग्रेस को झटका देने के मूड में नहीं है. शुरुआत में उनके साथ कांग्रेस के कुछ बड़े चेहरे नजर आ सकते हैं, लेकिन बाकी काम चुनाव की घोषणा होने के बाद होगा. पंजाब में कांग्रेस को धीरे-धीरे झटके दिए जाएंगे ताकि उन्हें एकदम से संभलने का मौका ही न मिले.
कांग्रेस में बड़ी टूट टिकट की घोषणा के बाद हो सकती है, क्योंकि पंजाब में कई नेताओं को टिकट कटने का डर है. इसलिए वह कैप्टन के संपर्क में तो है लेकिन अभी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. कैप्टन खेमे की रणनीति है कि कांग्रेस को टिकट की घोषणा होने तक टूट के खतरे में ही उलझा कर रखा जाए. फिर जैसे ही टिकटों का बंटवारा हो तो बगावत के जरिए पूरी उथल-पुथल मचा दी जाए. ऐसे में कांग्रेस को बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है.