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भारत / सरकारी अफसरों-पुलिस अधिकारियों के बर्ताव से CJI एनवी रमणा नाखुश, बोले- जो अवैध पैसे कमाएं, उन्हें जेल में होना चाहिए

भारत / सरकारी अफसरों-पुलिस अधिकारियों के बर्ताव से CJI एनवी रमणा नाखुश, बोले- जो अवैध पैसे कमाएं, उन्हें जेल में होना चाहिए

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस एनवी रमणा (NV Ramana) ने ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अफसरों के बर्ताव पर सख्त टिप्पणी की है. CJI ने कहा कि देश में ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अफसर जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वो आपत्तिजनक है. सरकार के साथ मिलकर अवैध तरीके से पैसा कमाने वाले अफसरों को जेल के अंदर होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान उनकी यह नाराजगी सामने आई. चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्हें नौकरशाहों और खासकर पुलिस अधिकारियों के व्यवहार पर बेहद आपत्ति है. उन्होंने ये संकेत भी दिया कि वे नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों की शिकायतों के संबंध में एक कमेटी बनाना चाहते हैं.

CJI ने कहा कि मुझे इस बात पर आपत्ति है कि ब्यूरोक्रेट्स खासतौर पर इस देश में पुलिस अधिकारी कैसे व्यवहार कर रहे हैं. जो पुलिस अधिकारी सरकार के साथ तालमेल बिठाते हैं और अवैध रूप से पैसे कमाते हैं, उन्हें जेल में होना चाहिए. ऐसे पुलिस अधिकारियों का बचाव नहीं किया जा सकता. चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि मैं पुलिस अफसरों की शिकायतों की जांच के लिए स्थायी समितियां बनाने के बारे में सोच रहा था लेकिन मैं इस समय यह नहीं करना चाहता हूं.


जस्टिस एनवी रमणा ने कहा ‘देश में स्थिति दुखद है. जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में होता है, तो पुलिस अधिकारी उस सरकार के साथ होते हैं. फिर जब कोई नई पार्टी सत्ता में आती है, तो सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है. यह एक नया चलन है, जिसे रोकने की जरूरत है.’ चीफ जस्टिस ने ये टिप्पणी उस समय की जब उनकी अगुवाई में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हिमा कोहली की मौजूदगी वाली पीठ छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सिंह ने याचिका में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में सुरक्षा की मांग की थी.


ADG गुरजिंदर पाल सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अपने खिलाफ राजद्रोह, भ्रष्टाचार और जबरन वसूली की तीन FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं. राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गुरजिंदर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत 29 जून को FIR दर्ज की थी. जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुरक्षित रखते हुए निलंबित IPS अफसर को दो मामलों (राजद्रोह और जबरन वसूली) में गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के संकेत दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से कहा है कि वह उनकी याचिकाओं पर 8 हफ्ते के अंदर फैसला ले.