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डीएनए के लिए किसी शख्स को मजबूर करना उसकी निजता का उल्लंघन, आवश्यक मामले में ही दें निर्देश- सुप्रीम कोर्ट

डीएनए के लिए किसी शख्स को मजबूर करना उसकी निजता का उल्लंघन, आवश्यक मामले में ही दें निर्देश- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि सामान्य प्रक्रिया के रूप में नहीं बल्कि आवश्यक मामले में ही डीएनए परीक्षण (DNA Test) का निर्देश देना चाहिए, क्योंकि डीएनए परीक्षण के लिए अनिच्छुक व्यक्ति को बाध्य करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजता के अधिकार का उल्लंघन है. कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में जहां संबंध को साबित करने के लिए अन्य सबूत उपलब्ध हैं, अदालत को आमतौर पर रक्त जांच का आदेश देने से बचना चाहिए.

न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि डीएनए एक व्यक्ति (जुड़वा बच्चों को छोड़कर) के लिए विचित्र है और इसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की पहचान करने, पारिवारिक संबंधों का पता लगाने या यहां तक कि संवेदनशील स्वास्थ्य जानकारी को प्रकट करने के लिए किया जा सकता है. पीठ ने कहा कि क्या किसी व्यक्ति को ऐसे मामलों में डीएनए के लिए एक नमूना देने के लिए मजबूर किया जा सकता है, इसका उत्तर केएस पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ में इस न्यायालय के सर्वसम्मत निर्णय से लिया जा सकता है, जिसमें निजता के अधिकार को भारत में संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकार घोषित किया गया है.


पीठ ने कहा कि जब वादी खुद डीएनए जांच कराने के लिए तैयार नहीं है, तो उसे इससे गुजरने के लिए मजबूर करना उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा. कोर्ट ने दिवंगत त्रिलोक चंद गुप्ता और दिवंगत सोना देवी द्वारा छोड़ी गई संपत्ति के स्वामित्व की घोषणा के अनुरोध को लेकर अशोक कुमार की तरफ से दाखिल एक अपील पर ये फैसला दिया. उन्होंने दंपति की तीन बेटियों को मुकदमे में प्रतिवादी के रूप में पेश किया और खुद को त्रिलोक चंद गुप्ता और सोना देवी का पुत्र होने का दावा किया.

डीएनए जीवित कोशिकाओं के गुणसूत्रों में पाए जाने वाले तंतुनुमा अणु को डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल या डीएन एकहते हैं.डीएनए अणु की संरचना घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है. डीएनए का एक अणु चार अलग-अलग वस्तुओं से बना है, जिन्हें न्यूक्लियोटाइड कहते है. हर न्यूक्लियोटाइड एक नाइट्रोजन युक्त वस्तु है. इन चार न्यूक्लियोटाइडोन को एडेनिन, ग्वानिन, थाइमिन और साइटोसिन कहा जाता है.