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गाजियाबाद : पुलिस ने नकली सस्ते इंजन ऑयल कारोबार किया भंडाफोड़ , जानें पूरा मामला
गाजियाबाद. अगर आपको कहीं पर बाजार से सस्ता इंजन ऑयल मिल रहा है तो रुपए बचाने के चक्कर में सस्ते इंजन ऑयल को खरीदने जा हैं, तो सावधान हो जाएं. हो सकता है बाजार से सस्ता मिलने वाला इंजन ऑयल नकली हो और गाड़ी में डालकर कुछ किमी. वाहन चलाने पर ऑयल सूख सकता है और इंजन भी सीज हो सकता है. गाजियाबाद पुलिस ने ऐसी नकली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है, जो ट्रांसफार्मर के ऑयल को कलर मिलाकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के इलाकों में बेचता रहा था.
गाजियाबाद के एएसपी आकाश पटेल ने बताया कि कविनगर में संचालित अवैध फैक्टरी में बन रहा नकली इंजन उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में सप्लाई किया जा रहा था. पुलिस ने अभी तक यूपी, दिल्ली और हरियाणा में ऐसी 40 से अधिक जगह चिन्हित की हैं, जहां नकली इंजन ऑयल, 2-टी ऑयल, ब्रेक ऑयल और गियर ऑयल आपूर्ति की जा रही थी. फैक्टरी संचालक के बेटे समेत दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
एएसपी ने बताया कि थाना बीबीनगर, बुलंदशहर के गांव अल्लीपुर चितसोना निवासी लच्छी गिरी कई नामी कंपनियों के नकली इंजन ऑयल का धंधा चला रहा था. लालकुआं में फैक्टरी बना रखी थी, जबकि पिलखुवा में गोदाम बनाया हुआ था. जहां पुराने तेल को फिल्टर कर पैक किया जाता था. लच्छी गिरी के बेटे सौरभ गिरी निवासी गोविंदपुरम और उसके साथी जयचंद को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पुराने इंजन ऑयल को फिल्टर करने में 65 रुपये और उसकी पैकिंग में 15 रुपये कुल 80 रुपये लागत आ रही थी. नकली ऑयल दुकानदारों को 150 रुपये में बेचते थे और दुकानदार ग्राहकों को नामी कंपनी के इंजन ऑयल से सस्ता बेचते थे. सस्ते के चक्कर में ग्राहक नकली ऑयल खरीद लेते थे.
ट्रक, बस और कार के लिए: ट्रांसफॉर्मर के पुराने तेल को रिसाइकिल कर उसका कालापन दूर किया जाता था. इसके बाद उसमें हरा व लाल केमिकल रंग मिलाकर ब्रेक ऑयल, 2-टी ऑयल, गियर ऑयल और डिस्क ब्रेक का ऑयल तैयार किया जाता था।
बाइक और स्कूटी के लिए: वाहनों से निकलने वाले पुराने इंजन ऑयल को रिसाइकिल करने के बाद उसमें केमिकल और रंग मिलाकर इंजन ऑयल के रंग जैसा बनाया जा रहा था. रिसाइक्लिंग के लिए मशीनें लगाई हुई हैं. इसके बाद पैक कर इसे सप्लाई किया जा रहा था.