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गोरखपुर : भू माफिया के हाथों नहीं ठगे जाएंगे आम लोग, जीडीए कर रहा फुल प्रूफ व्यवस्था
गोरखपुर । विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा अधिग्रहण करने के बाद भी कई भूखंडों को भू माफिया आम लोगों को फर्जी तरीके से बेच देते थे। अधिग्रहण के बाद भी जीडीए द्वारा भूखंडों पर अपना नाम दर्ज न कराने के कारण भू माफिया को यह मौका मिलता था लेकिन अब इसपर पूरी तरह से लगाम लग सकेगी। प्राधिकरण ने अपनी ऐसी जमीन पर नाम दर्ज कराना शुरू कर दिया है। अभियान चलाकर अभी तक 29.68 हेक्टेयर जमीन का अमलदरामद (खतौनी में नाम चढ़ना) कराया जा चुका है। जल्द ही करीब 18 हेक्टेयर और जमीन पर नाम दर्ज कराया जाएगा।
जीडीए की ओर से करीब 1990 एवं सन 2000 एवं उसके आसपास अधिग्रहीत किए गए भूखंडों पर कहीं योजनाएं लांच की गईं तो कहीं अभी तक इंतजार किया जा रहा है। जहां योजना लांच भी हुई, वहां भी कुछ भूखंड छूटे रह गए। अधिग्रहण के बाद जीडीए की ओर से मुआवजा विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के यहां जमा करा दिए गए थे लेकिन इस कार्यालय से अमलदरामद की प्रक्रिया पूरी नहीं कराई गई। जिसके चलते जमीन पर काश्तकार का ही नाम दर्ज था। इसी का फायदा उठाते हुए भू माफिया ने वही जमीन दूसरों को बेच दी। कुछ स्थानों पर बैंकों से ऋण लेकर निर्माण भी हो चुका है। वर्षों बाद जीडीए को इस बात की जानकारी हुई तो नोटिस भेजकर जगह खाली करने को कहा गया।
इस मामले में मकान बनवा चुके लोगों का कहना है कि उनका कोई दोष नहीं। उन्होंने तहसील से पता लगाने के बाद जमीन खरीदी और वर्तमान में उनका नाम दर्ज है। इसके बाद जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने सभी भूखंडों पर नाम दर्ज कराने का निर्देश दिया। अमलदरामद के लिए 47.96 हेक्टेयर जमीन के दस्तावेज भेजे गए थे। इसमें से 29.68 हेक्टयेर जमीन का अमलदरामद हो चुका है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद तहसील में जांच कराने पर भूखंड के दस्तावेजों में जीडीए का नाम दर्ज मिलेगा और भू माफिया किसी को ठग नहीं सकेंगे।