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एलएसी विवाद पर चीन के साथ अगले दौर की सैन्य वार्ता जल्द, बोले सेना प्रमुख जनरल नरवणे
नई दिल्ली । भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Army Chief General Manoj Mukund Narwane) ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव को शांत करने के लिए चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ अगले दौर की सैन्य बातचीत अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में हो सकती है. लेह में पत्रकारों से बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि एलएसी पर स्थिति नियंत्रण में है और पीएलए के साथ बकाया समस्याओं को बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है और दोनों सेनाएं ब्रिगेड कमांडर्स, डिवीजन कमांडर्स और कोर कमांडर्स के स्तर पर बातचीत कर रही हैं.
सेना प्रमुख नरवणे सुरक्षा समीक्षा के लिए लद्दाख में थे और उनके यात्रा कार्यक्रम में फॉरवर्ड क्षेत्रों का दौरा शामिल था. भारतीय सेना और चीनी पीएलए लगभग 17 महीनों से सीमा गतिरोध में बंद हैं और दोनों पक्ष तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने अब तक 12 दौर की सैन्य वार्ता की है. 13वें दौर की बातचीत जल्द होगी. हर दौर की बातचीत से चीजें आगे बढ़ती हैं और धीरे-धीरे बातचीत के जरिए समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. सेना प्रमुख ने कहा कि निश्चित रूप से फॉरवर्ड क्षेत्रों में उनकी तैनाती में वृद्धि हुई है जो हमारे लिए चिंता का विषय बनी हुई है.
उत्तरी सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इंगेजमेंट हमेशा भविष्य की कार्रवाई के लिए अच्छी होती है और जब भी कोई बातचीत होती है तो परिणाम को आगे बढ़ने के लिए एक निश्चित मात्रा में सुलह के साथ जोड़ा जाएगा. 12वें दौर की सैन्य वार्ता की सफलता के बाद चीनी सेना ने अगस्त की शुरुआत में डिसएंगेजमेंट के दूसरे दौर को अंजाम दिया, जब दोनों पक्षों ने गोगरा या पैट्रोलिंग पॉइंट-17 ए से अपने आगे तैनात सैनिकों को वापस बुला लिया.
इससे पहले भारत और चीन ने फरवरी के मध्य में पैंगोंग त्सो क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया को समाप्त कर दिया था, जिसके बाद चीन ने अपने सैनिकों, टैंकों, पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और तोपखाने की तोपों को वापस बुला लिया था. चीनी सैनिकों ने पिछले साल 45 साल बाद एलएसी पर पहली बार गोलियां चलाईं थी.