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पीएम मोदी ने फिर दिलाई वोकल फॉर लोकल की याद, बोले-धनतेरस से दीपावली तक रखें ध्‍यान

पीएम मोदी ने फिर दिलाई वोकल फॉर लोकल की याद, बोले-धनतेरस से दीपावली तक रखें ध्‍यान

पूर्वांचल । प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार को एक बार फिर लोगों को 'वोकल फॉर लोकल' की याद दिलाई। वाराणसी में प्रधानमंत्री आत्‍मनिर्भर स्‍वस्‍थ भारत योजना के शुभारंभ के बाद जनसभा को सम्‍बोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि हमें इस दिवाली में भी अपने स्‍थानीय कामगारों का ख्‍याल रखना है। हम जितना अधिक 'वोकल फॉर लोकल' होंगे, उतना ही हमारे परिवारों में खुशहाली आएगी। उन्‍होंने लोगों से धनतेरस से दीवाली तक स्‍थानीय उत्‍पादों की खरीदारी का आह्वान किया। इसके साथ यह भी कहा कि लोकल का मतलब सिर्फ मिट्टी के दीये नहीं हैं। 

उन्‍होंने कहा कि देश ने सौ करोड़ वैक्सीन के बड़े पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्वनाथ और अन्नपूर्णा के आशीर्वाद और काशीवासियों के अखंड विश्वास से मुफ्त वैक्सीन सभी को वैक्सीन अभियान आगे बढ़ रहा है। कुछ देर पहले नौ मेडिकल कॉलेज देने का सौभाग्य मिला है। इससे पूर्वांचल के गरीबों-वंचितों को बड़ा फायदा मिलेगा। बड़े शहरों की भागदौड़ कम होगी। काशी से शुरू होने जा रही इन योजनाओं में महादेव का आशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीर्वाद है वहां तो कल्याण ही कल्याण है। जब महादेव का आशीर्वाद होता है तो कष्टों से मुक्ति भी स्वाभाविक है। 

पीएम मोदी ने कहा कि यूपी सहित पूरे देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रचर को ताकत देने के लिए हमारी तैयारी उच्च स्तर की हो, आत्मनिर्भरता आए, इसके लिए काशी से आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रचर मिशन को लांच करने का मौका मिला है। इसके साथ ही काशी को भी सौगात देने का मौका मिला है। स्वास्थ्य सेवाओं पर उतना ध्यान नहीं दिया गया जितनी जरूरत थी। जिन लोगों की देश में लंबे समय तक सरकार रही। उन लोगों ने सुविधाओं से वंचित रखा। छोटे शहरों में अगर अस्पताल थे तो इलाज करने वाले नहीं थे। बड़े शहरों में भागों तो वहां भीड़ रहती थी। आज हेल्थ सिस्टम को सुधारा जा रहा है। कोशिश है कि बीमारी जल्द पकड़ में आए और देरी न हो। कोशिश है कि ब्लाक, तहसील स्तर तक सुविधाएं उपलब्ध हों। 

हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जा रहा हैं। यहां बीमारियों को शुरुआत में ही पकड़ने की सुविधा होगी। यहां फ्री दवा, फ्री सलाह सबकुछ फ्री मिलेगा। बीमारी जल्द पता चलती है तो उसका इलाज आसान होगा। सवा सौ जिलों में रेफरल की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा राज्यों में भी सर्जरी से जुड़ी नेटवर्क को सशक्त किया जा रहा है। जो काम दशकों पहले हो जाने चाहिए, उसे अब किया जा रहा है। हम पिछले सात साल से लगातार सुधार कर रहे हैं। अब बहुत बड़े स्केल पर इस काम को करना है। इस तरह का हेल्थ सिस्टम बनता है तो रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं। यह मिशन आर्थिक आत्मनिर्भरता का भी माध्यम है। 

उन्‍होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा पैसा कमाने का जरिया नहीं है। पहले जनता का पैसा घोटालों में जाता था। आज बड़े बड़े प्रोजेक्ट में पैसा लग रहा है। आजादी के बाद 70 साल में जितने डॉक्टर मेडिकल कॉलेज से पढ़कर निकले हैं उससे ज्यादा अगल दस साल में मिलने जा रहे हैं। जब ज्यादा डॉक्टर होंगे तो गांव गांव में डॉक्टर उपलब्ध होंगे। यही नया भारत है जहां आकांक्षाओं से बढ़ते हुए नए नए काम हो रहे हैं। आज जिस तरह से काम हो रहा है, पहले भी हुआ होता तो काशी की स्थिति कैसी होती। देश की सांस्कृति शहर को उसके हाल पर छोड़ रखा था। लटकते तार, जाम, प्रदूषण, अव्यवस्था सबकुछ वैसे ही चलता रहता। मन वही है लेकिन काया को सुधारने का इमानदारी से हो रहा है। काशी में जितना काम सात साल में हुआ, उतना कई दशकों में नहीं हुआ है। रिंग रोड के अभाव में किस तरह विकास अवरुद्द होता था लोगों ने देखा है।

रिंग रोड बनने से आजमगढ़, गोरखपुर कोलकाता गाजीपुर कही भी जाने के लिए शहर वालों को परेशान करने की जरूरत नहीं है। बिहार नेपाल तक आवाजाही सुविधाजनक हो गई है। व्यापार और ट्रांसपोर्ट की सुविधा हो गई है। वरुणा नदी पर दो पुल बनने से दर्जनों गांवों से आना जाना आसान हुआ है। एयरपोर्ट जाने में सुविधा होगी। कालीन नगरी और विंध्यवासिनी जाने में सुविधा होगी। पुलों, पार्किंग की की सुविधाएं आज दी गई हैं। घरों से गंदा का पानी गंगा में न जाए उसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। रामनगर में भी एसटीपी ने काम करना शुरू कर दिया गया है। गंगा के साथ ही वरुणा की स्वच्छता के लिए प्रयास किया जा रहा है। वरुणा को बचाने के लिए चैनलाइजेशन के लिए काम किया गया। 13 छोटे बड़े नालों को साफ किया जा रहा है। वरुणा के किनारे पक्के घाट, सीढियां बनाई जा रही हैं।