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प्रयागराज : इंस्टाग्राम पर फेक आईडी बनाकर बदनाम किए जाने से आहत छात्रा ने जहर खाया
प्रयागराज । सोशल मीडिया पर बदनाम किए जाने से आहत 20 वर्षीय स्नातक की छात्रा ने जहर खा लिया। घरवाले उसे एसआरएन अस्पताल ले गए जहां गंभीर हालत में उसे भर्ती कर लिया गया। पीड़िता की मां का आरोप है कि लिखित शिकायत करने के बावजूद कीडगंज पुलिस ने मामले में कार्रवाई नहीं की। इससे बेखौफ आरोपियों ने उसकी बेटी को रास्ते में रोककर जान से मारने की धमकी दी। शर्मनाक यह कि मामले में देर रात तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
कीडगंज क्षेत्र में रहने वाली छात्रा के पिता का निधन हो चुका है और वह अपनी मां और छोटे भाई के साथ रहती है। वह कौशाम्बी स्थित कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रही है। उसकी मां ने बताया कि रविवार सुबह वह अपनी बहन के घर चली गई थी। इस दौरान बेटी और बेटा घर पर थे। इसी दौरान बेटी ने कमरे के भीतर जाकर जहर खा लिया। तबियत बिगड़ने पर बेटे ने जानकारी दी तो आसपास के लोग आ गए।
सूचना देने पर 100 नंबर की पुलिस आ गई और इसके बाद उसे एसआरएन अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। मां का आरोप है कि मोहल्ले के ही कुछ युवक सोशल मीडिया पर उसकी बेटी को बदनाम कर रहे थे। इंस्टाग्राम पर उसकी फेक आईडी बनाकर दोस्तों व परिचितों को अश्लील मैसेज, तस्वीरें व वीडियो भेज रहे थे। इसकी लिखित शिकायत उसने कीडगंज थाने पहुंचकर की लेकिन पुलिस ने कोेई कार्रवाई नहीं की।
अफसरों से भी गुहार लगाई लेकिन उसे टरकाया जाता रहा। मां का आरोप है कि शनिवार रात आठ बजे उसकी बेटी दवा लेने गई थी तभी बेखौफ युवकों ने उसे जबरन रोककर धमकाया। शिकायत वापस न लेने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। आरोप लगाया कि इसी से आहत होकर उसकी बेटी ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की।
इस मामले में सबसे चौंकाने वाला रवैया कीडगंज पुलिस का रहा। इंस्पेक्टर सुनील कुमार बाजपेयी छात्रा के जहर खाने की घटना की जानकारी से इंकार करते रहे। जब उनसे फेक आईडी बनाकर बदनाम किए जाने की शिकायत के बाबत पूछा गया तो पहले तो उन्होंने शिकायत मिलने से ही इंकार कर दिया। थोड़ी देर बाद बोले कि एक शिकायत सोशल मीडिया के माध्यम से आई थी, जिसका जवाब सोशल मीडिया के जरिए ही भेज दिया गया है। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या जवाब भेजा गया है। उधर सीओ बैरहना अभिषेक भारती से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें प्रकरण की जानकारी नहीं है और वह पता करकेही कुछ बता पाएंगे। लेकिन दोबारा उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
उधर अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उसने बताया कि नौ सितंबर को उसे मालूम चला कि इंस्टाग्राम अकाउंट से उसकी फोटो चुराकर उसके नाम से फेक आईडी बनाई गई। फिर इस आईडी के जरिए दोस्तों, परिचितों को अश्लील मैसेज, तस्वीरें व वीडियो भेजे। साथ ही उसके बारे में गलत बातें भी लिखीं। इसकी शिकायत लेकर वह थाने गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
कार्रवाई की गुहार लेकर वह अफसरों के पास भी गई लेकिन उसे साइबर सेल जाने को कहा गया। साइबर सेल में जाने पर बताया गया कि वहां सिर्फ रुपयों से जुड़े मामले देखे जाते हैं और इस मामले में थाने से ही कार्रवाई होगी। छात्रा का यह भी कहना है कि वह शिकायत लेकर बैरहना चौकी में गई तो वहां मौजूद दरोगा ने उसे गाली देकर भगा दिया।
शिकायत न मिलने के पुलिस के बयान पर पीड़िता की मां का कहना है कि इंस्पेक्टर झूठ बोल रहे हैं। उसका कहना है कि उसकी बेटी ने थाने में जाकर लिखित शिकायत की थी और महिला हेल्पडेस्क में बैठी सिपाहियों ने उसके नाम से ही शिकायत लिखी थी।