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यूपी: गोरखपुर में नौ साल बाद मेडिकल कालेज में मरीज को लगाया गया पेसमेकर, बेहोशी की हालत में लेकर पहुंचे थे स्वजन।
गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज में लगभग नौ वर्षों बाद किसी मरीज को पेशमेकर लगाया गया है। मेडिसिन विभाग के डाक्टरों ने यह पहल शुरू की है। 2012 के पहले डा. मुकुल मिश्रा मरीजों को पेशमेकर लगाते थे। उनके स्थानांतरण के बाद पहली बार एक मरीज को शुक्रवार को पेशमेकर लगाया गया है। शनिवार को उसकी तबीयत में काफी सुधार रहा। स्वजन खुश हैं और डाक्टरों को धन्यवाद दे रहे हैं।
वहीं बेलघाट निवासी 65 वर्षीय सुरेंद्र शाही को पिछले 10 वर्षों से ब्लड प्रेशर और शुगर की समस्या है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक कई बार वह बेहोश होकर गिर चुके हैं। 28 अक्टूबर को स्वजन उन्हें बेहोशी की हालत में बीआरडी मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे। बीच रास्ते में ही मरीज की उल्टी सांसें चलने लगी थीं। मेडिकल कालेज में उन्हें मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड नंबर 14 में डाक्टरों ने भर्ती कराया।
बता दें कि तत्काल सीपीआर (दिल का मसाज) देकर मरीज को वेंटीलेटर पर रखा गया। तब जाकर जान बच पाई। इस बीच जांच की गई तो पता चला कि पेशमेकर लगाना पड़ेगा। अस्थायी पेशमेकर लगाते ही मरीज की हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद मरीज को फिर से सीपीआर दिया गया, जिसकी वजह से हालत स्थिर हो गई। इसके बाद डाक्टरों ने स्थायी पेशमेकर लगाने का फैसला लिया।
वहीं कैथ लैब में ले जाकर उन्हें स्थायी पेशमेकर लगाया गया। मरीज का इलाज व पेशमेकर लगाने वाली टीम में मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. महिम मित्तल, डा. नीरज चौधरी, डा. अजीत प्रताप सिंह, डा. शूलपाणि मिश्र व डा. चंद्रमौलि मिश्र आदि शामिल हैं।
बता दें कि बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार प्राचार्य ने कहा कि निजी अस्पतालों में पेशमेकर लगाने का खर्च लगभग एक लाख रुपये आता है। मेडिकल कालेज में पहले मरीजों को पेशमेकर लगाया जाता था। अब पुन: इसकी शुरुआत हो गई है। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। मैंने स्वयं जाकर मरीज की स्थिति देखी है, काफी सुधार है। दो-चार दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।