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यूपी: वाराणसी में बंद हो जाएंगे सामुदायिक शौचालय, अफसरों के निर्देश पर पंचायतों के सवाल।
वाराणसी। गांवों में पहले सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर जोर। अब बन गया तो संचालन को लेकर हायतौबा। शासन के निर्देश पर जिले में 95 फीसद से अधिक सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो चुका है। केयर टेकर की तैनाती भी हो चुकी है। बकायदा प्रतिमाह मानदेय देने को छह हजार रुपये भी जारी हो रहे हैं। तीन हजार रुपये सफाई के नाम जारी हो रहा है। जबकि 70 फीसद शौचालय का आउटपुट जीरो है।
बता दें कि संचालन पर जितनी राशि व्यय हो रही है, उतना भी यूजर चार्ज के रूप में राशि नहीं आ रही है। पंचायते बजट को लेकर हो हल्ला मचाना शुरू कर दी हैं। छोटी पंचायतो का कहना है कि सरकार शौचालयों के संचालन के लिए अलग से धनराशि की व्यवस्था करे नही तो निधि की राशि मे इजाफा करे। वरना पंचायते शौचालय ही संभालती रहेंगी।
वहीं जिलाधिकारी की ओर से आदेश दिया गया है कि एक सामुदायिक शौचालय में कम से कम प्रतिमाह 400 से पांच सौ यूजर होने चाहिए। इसके लिए केयर टेकर प्रयास करे नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। हालांकि जिलाधिकारी के इस आशय का यह भी उद्देश्य बताया जा रहा है कि प्रत्येक गांव ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। बावजूद कुछ लोग खुले में शौच को जा रहे हैं। केयर टेकर ऐसे लोगों को सामुदायिक शौचालय तक लाने का प्रयास करें। बहरहाल, पंचायतों का कहना है यह सब विषय निर्माण के दौरान ध्यान रखना चाहिए। अब निर्माण के बाद इस तरह की बंदिशे लगाना उचित नहीं है। केयर टेकर अब कहा से यूजर को पकड़ कर लाएगी। ऐसी स्थिति में तो शौचालय में ताला बंद हो जाएंगे।
सामुदायिक शौचालय पर तैनात केयर टेकर समूह की महिलाएं रखी गई हैं। महिला केयर टेकर का कहना है कि शौचालय कब तक खुलेंगे। कितने घण्टे खुलेंगे, इस बाबत कोई आदेश निर्देश विभाग की ओर से नहीं दिए गए हैं। कोई दोपहर में जांच करता है तो कोई रात में। आखिर हम कब तक यहां ड्यूटी करेंगे। समय निर्धारित करना चाहिए। सिर्फ जांच के नाम उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। यूजर बढाने के लिए हम प्रयास करेंगे लेकिन अकेले संभव नहीं है। पंचायती राज के अधिकारियों व कर्मियों को भी इस कार्य जुटना चाहिए। साथ ही पंचायत के समितियों को भी।