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यूपी: लखनऊ में जूनियर हाईस्कूल की प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा शुरू, केंद्र ढूंढने में कई अभ्यर्थियों की छूटी परीक्षा।
KESHARI NEWS24
लखनऊ। परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज की ओर से रविवार को हुई जूनियर हाईस्कूल प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक चयन परीक्षा 2021 देने आए कई अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र पर केंद्र का पता शार्ट कट में लिखा होना महंगा पड़ गया। अभ्यर्थी कानपुर रोड से महानगर तक दौड़ लगाते रहे। लिहाजा कई लोगों की परीक्षा छूट गई। वहीं इस परीक्षा का आयोजन दो पालियों में हो रहा है। पहली पाली में सुबह 10 से 12.30 बजे तक सहायक अध्यापक के पदों के लिए 78 केंद्रों पर परीक्षा है। इसमें 37,429 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। जबकि दोपहर की पाली में दो से तीन बजे तक 2459 परीक्षार्थी छह केंद्रों पर परीक्षा देंगे।
बता दें कि अमेठी से सुबह की पाली में सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा देने आए मनोज कुमार मिश्रा के प्रवेश पत्र पर केंद्र का नाम न्यू पब्लिक इंटर कालेज के रोड लखनऊ लिखा था। मनोज का आरोप है कि गूगल के माध्यम से पता लगाते हुए वह महानगर पहुंचे। लेकिन इस नाम का सेंटर नहीं मिला। फिर उन्हें बताया गया कि शादाब कालोनी सेक्टर सी महानगर में है। वहां गए तो दूसरा सेंटर मिला। फिर पता लगाते हुए कल्याणपुर कुर्सी रोड पहुंच गए। वहां न्यू पब्लिक एकेडमी के नाम से स्कूल था। लिहाजा केंद्र न मिलने की वजह से उनकी परीक्षा छूट गई। मनोज ने बताया कि उनके अलावा कई और भी अभ्यर्थी इसी नाम से सेंटर ढूंढते हुए कानपुर रोड तक चक्कर लगाते रहे।
वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से केंद्र पर अभ्यर्थियों को मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र भी लेकर भी काफी दिक्कतें हुईं। अभ्यर्थियों को फोटोयुक्त पहचान पत्र की मूल प्रति, प्रशिक्षण योग्यता का मूल प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण योग्यता के अंतिम सेमेस्टर की जारी अंकपत्र की मूल प्रति या उच्च प्राथमिक स्तर के उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा या केंद्रीय शिक्षक पात्रता का मूल प्रमाण पत्र में से कोई एक लेकर आना था। गोमती नगर, खुर्रमनगर सहित कई जगह से केंद्रों पर पहुंचे अभ्यर्थियों के पास मूल प्रमाण पत्र नहीं था। इसको लेकर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई। साथ ही जिला विद्यालय निरीक्षक के पास फोन भी किया। यही नहीं, प्रवेश पत्र पर ब्यायज एंग्लो इंटर कालेज तो लिखा था लेकिन कोई जिला नहीं लिखा। इसके लिए भी डीआइओएस के पास बहुत फोन आए।