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यूपी: बीएचयू ट्रामा सेंटर में अधिकृत फार्मेसी में दवाओं की बिक्री दो करोड़ से अधिक, बाहरी दुकानों पर घटी निर्भरता। .

यूपी: बीएचयू ट्रामा सेंटर में अधिकृत फार्मेसी में दवाओं की बिक्री दो करोड़ से अधिक, बाहरी दुकानों पर घटी निर्भरता। .


वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित ट्रामा सेंटर में मरीजों को अब अधिकतर दवाएं व इंप्लांट सेंटर के अंदर ही स्थित अधिकृत दुकान पर मिल जा रही हैं। इसके कारण अब मरीजों की बाहरी दुकानों से दवा खरीद की निर्भरता कम हो गई है। यही वजह है कि पिछले तीन माह से ट्रामा सेंटर स्थित फार्मेसी में प्रति माह दो करोड़ रुपये से अधिक की दवाएं व अन्य उपकरण की बिक्री हो रही है। वहीं इससे पहले 70 लाख रुपये प्रतिमाह तक की ही बिक्री हो रही थी। अब तो सेंटर में ही इंप्लांट व जरूरी दवाओं के लिए टेंडर भी जारी होने जा रहा है। इसके बाद मरीजों को करीब 50 फीसद कम रेट पर दवाएं व इंप्लांट मुहैया होने लगेंगी।

वहीं बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल या ट्रामा सेंटर में आने वाले हजारों मरीजों को बाहर की दुकानों से दवाएं लेनी पड़ती हैं। बताया जा रहा है कि कुछ चिकित्सक जानबूझ कर ऐसी दवाएं लिखते हैं जो बाहर मिलें। इसके कारण सैकड़ों की दुकानें फल-फुल रही हैं। कई डाक्टर तो कीमोथेरेपी की दवाएं भी मरीजों को दबाव डालकर बाहर से मंगाते हैं। मरीज अगर गल्ती से भी बीएचयू की अधिकृत दुकानों से दवा खरीद ले तो उसकी सामत आ जाती है। दवाएं ही नहीं कुछ रोगों के आपरेशन में उपयोग होने वाले इंप्लांट बाहर से खरीदने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से कहे जाते हैं। हालांकि ट्रामा सेंटर में इसमें सुधार आया है।

बता दें कि यहां के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह बताते हैं कि अब अधिकतर वही दवाएं लिखी जा रही हैं जो परिसर स्थित अधिकृत दुकान में मिल जाएं। यह बाहर से गुणवत्ता युक्त के साथ ही सस्ती व विश्वसनीय भी हैं। इसके अलावा एक पखवाड़े के अंदर दवाओं व इंप्लांट की खरीद के लिए टेंडर जारी होने वाला है। इसके बाद दवाएं सेंटर की ओर से सस्ते दर पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।