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वाराणसी : महाविद्यालय के शिक्षकों को भी मिलेगा प्रोफेसर पद नाम, उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा को महासंघ ने सौंपा ज्ञापन

वाराणसी : महाविद्यालय के शिक्षकों को भी मिलेगा प्रोफेसर पद नाम, उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा को महासंघ ने सौंपा ज्ञापन

वाराणसी। विश्वविद्यालयों की भांति अब महाविद्यालयों के शिक्षकों में भी प्रोफेसर पद नाम मिलेगा। उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ को इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर आदेश जारी कराने का आश्वासन मिला है। ऐसे में महाविद्यालयों के शिक्षकों में भी अब प्रोफेसर बनने की उम्मीद जग गई है। प्रोफेसर पद नाम के लिए महाविद्यालय के शिक्षक लंबे समय से मांग कर रहे थे।

महासंघ के (उच्च शिक्षा) के संयुक्त महामंत्री व हरिश्चंद्र पीजी कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा उदयन मिश्र ने बताया कि इस संबंध में राष्ट्रीय प्रभारी महेंद्र कुमार शुक्रवार को लखनऊ में उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने छह सूत्रीय पत्रक सौंपा। इसमें महाविद्यालयों में प्रोफेसर पदनाम प्रदान करने, सातवें वेतनमान के अनुसार पीएचडी के पांच इंक्रीमेंट देने सहित कई मांगों पर उपमुख्यमंत्री से उनकी सार्थक वार्ता हुई। उन्होंने इस संबंध में तत्काल उच्चाधिकारियों को आदेश जारी करने का निर्देश दिया। ऐसे में सप्ताहभर में आदेश जारी करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा शासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों मे संचालित स्ववित्तपोषित अध्यापकों को यूजीसी वेतनमान देने के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कराने तथा वेतन और सेवा नियमावली की समस्याओं का निस्तारण कराने, स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के अध्यापकों की वेतन असमानता को दूर करानेे के लिए सेवा नियमावली बनवाने, साथ ही साथ प्रत्येक संकाय का शासन द्वारा न्यूनतम शिक्षण शुल्क निर्धारण कराने का अनुरोध किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने महासंघ के सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।


इस दौरान अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ ने संस्कृत महाविद्यालयों की भी समस्या उठाई। कहा कि संस्कृत महाविद्यालयों में एक ओर जहां शिक्षकों की कमी बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर संस्कृत महाविद्यालयों के शिक्षकों को अब भी माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन मिल रहा है। पत्रक में राष्ट्रीय प्रभारी ने संस्कृत महाविद्यालय के शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर कराने, संस्कृत महाविद्यालयों में अर्हताधारी शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान, माध्यमिक संस्कृत विद्यालयो की भांति संस्कृत महाविद्यालयो मे भी मानदेय पर नियुक्ति शुरू कराने का भी अनुरोध किया है।