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यूपी: वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पट 12 घंटे के लिए हुए बंद, 13 दिसंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे कारिडोर का लोकार्पण। .
वाराणसी। बाबा दरबार से गंगधार तक विस्तारित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर का 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण करेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए 10 दिसंबर तक संपूर्ण कार्य पूरा कर लिया जाना है। इस खास मौके पर बाबा दरबार की साज सज्जा के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पट सोमवार सुबह छह बजे 12 घंटे के लिए बंद कर दिए गए। शाम छह बजे मंदिर के पट खुलेंगे और रात 11 बजे शयन आरती तक झांकी दर्शन किया जा सकेगा।
वहीं दूसरी तरफ़ इसी तरह 30 नवंबर को भी सुबह छह से शाम छह बजे श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए मंदिर में प्रवेश नहीं पाएंगे। वहीं 30 नवंबर की रात शयन आरती के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद होंगे तो दो दिसंबर को सुबह छह बजे ही दर्शन-पूजन का मौका मिल पाएगा। कारण यह कि एक दिसंबर को मंदिर पूरी तरह बंद रहेगा।
वही अगले दिन दो दिसंबर को सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिए पट खुलेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा की ओर से इस संबंध में जारी समय सारणी के अनुसार 29 -30 नवंबर व दो दिसंबर को आंशिक व एक दिसंबर को पूरी तरह मंदिर के पट बंद रहेंगे। दो दिसंबर को सुबह छह बजे से दर्शन-पूजन पूर्ववत शुरू हो पाएगा।
वहीं वास्तव में साज-सज्जा के क्रम में मुख्य मंदिर की दीवार के पत्थरों की सफाई की जा रही है जो अंतिम दौर में है। इस पर डेढ़ दशक पहले लगाए गए एनामल पेंट को छुड़ाया जा रहा है। अब गर्भगृह के भीतरी दीवारों की सफाई की जाएगी। फर्श के पत्थरों की घिसाई और पालिशिंग की जाएगी। गर्भगृह के भीतरी हिस्से की सफाई में किसी तरह के व्यवधान व श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आंशिक रूप से तीन दिन तो एक दिन पूरी तरह पट बंद रखे जाएंगे। देखा जाए तो सिर्फ कोरोना काल में ही ऐसा हुआ जब मंदिर के पट लंबे समय तक श्रद्धालुओं के लिए बंद किए गए थे।
वहीं दूसरी तरफ़ बाबा दरबार का स्वर्ण शिखर एक बार फिर दमकता नजर आएगा। इसकी सफाई की जिम्मेदारी तनिष्क को दी गई है। कंपनी ने पहले भी इसके लिए निशुल्क सेवा का आग्रह किया था लेकिन विभिन्न कारणों से अनुमति नहीं दी जा सकी थी। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि कारिडोर का निर्माण कर रही कंपनी के पुराविशेषज्ञों की देखरेख में सफाई कराई जा रही है।
वहीं श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की दीवारों का रूड़की आइआइटी के विशेषज्ञों की टीम 2019 में परीक्षण किया था। इसमें पाया गया था कि पूर्व में लगाया गया पेंट से पत्थरों को काफी क्षति पहुंची है। इसे संरक्षित करने की सलाह भी दी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि आगे भी विस्तृत रूप में कार्य कराया जाएगा।